केंद्र सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया है.
केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा को लेकर एक बहुत बड़ा फैसला लिया है. आंतरिक सुरक्षा में कोई सेंध न लगा दे इसको लेकर सरकार बहुत चिंतित है. कई बार देखा गया है कि खुफिया अधिकारी रिटायर्मेंट के बाद केंद्र सरकार की बातें दुनिया के सामने ला देती हैं जिसके कारण सरकार की बेइज्जती हो जाती है. मगर अब ऐसा नहीं होगा. केंद्र ने पेंशन नियमों में संशोधन किया है. इसके मुताबिक अब खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठनों से रिटायर्ड अधिकारी बिना इजाजत कोई भी चीज प्रकाशित नहीं कर सकते हैं.
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई भी रिटायर्ड अधिकारी अपनी बात को नहीं बता सकते हैं. सरकार ने नसीहत देते हुए कहा है कि ये सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. अगर कोई भी अधिकारी सरकार की बात को दुनिया के सामने लाता है तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी.
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संशोधित नियमों के अनुसार, जिम्मेदार अधिकारी को यह तय करने का अधिकार होगा कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या असंवेदनशील है और क्या यह संगठन के क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं. अगर गलत पोस्ट से संगठन की छवि खराब होती है तो गलत सामग्री परोसने वाले अधिकारियों की पेंशन तत्काल प्रभाव से रोक दी जाएगी.
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