संयुक्त राष्ट्र (US) में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड (Linda Thompson-Greenfield) ने कहा है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में स्थिति बहुत गंभीर है. अमेरिका 64 मिलियन डॉलर (470 crores) की मानवीय सहायता देने को तैयार है
संयुक्त राष्ट्र (US) में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड (Linda Thompson-Greenfield) ने कहा है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में स्थिति बहुत गंभीर है. अमेरिका 64 मिलियन डॉलर (470 crores) की मानवीय सहायता देने को तैयार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की जमीनी स्थिति का आकलन किया जाएगा और भविष्य में और सहायता पर विचार किया जाएगा. ग्रीनफील्ड ने तालिबान से प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने का आह्वान किया, विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी के मामलों में तालिबान द्वारा सहायता वितरण में व्यवधानों की रिपोर्ट पर ध्यान दिया.
अफगानिस्तान की आधी से ज्यादा आबादी तालिबान के आने से पहले भी मानवीय सहायता पर निर्भर थी, लेकिन तालिबान के आने के बाद से सहायता पर निर्भर लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है. देश में कारोबार ठप हो गया है और नकदी की भारी किल्लत हो गई है. जिससे लोग अपने घर (ह्यूमैनिटेरियन क्राइसिस इन अफगानिस्तान) बेचने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं इसलिए वे घर में रखी चीजों को बाजार में लाकर बेच रहे हैं. देश के बैंकों से प्रति सप्ताह 200 डॉलर निकालने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए लोगों को लंबी लाइनों में खड़े होकर काफी मशक्कत करनी पड़ती है.