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सरकार ने चुनावी प्रक्रिया में बड़े सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है. बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में चुनावी सुधारों से जुड़े एक बिल को मंजूरी दी गई. बिल के मुताबिक आने वाले समय में वोटर आईडी कार्ड को उस व्यक्ति के आधार नंबर से लिंक कर दिया जाएगा. आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक करने का निर्णय स्वैच्छिक होगा.
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सरकार ने यह फैसला चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर लिया है. आधार को वोटर आईडी से जोड़ने से फर्जी वोटर कार्ड की हेराफेरी पर रोक लगेगी. आधार और वोटर आईडी को जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले को ध्यान में रखा जाएगा. चुनाव आयोग को और अधिक अधिकार देने के लिए सरकार कदम उठाएगी.
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प्रस्तावित विधेयक देश के युवाओं को हर साल चार अलग-अलग तिथियों पर मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण कराने की भी अनुमति देगा. यानी मतदाता बनने के लिए अब साल में चार तारीखों को कटऑफ माना जाएगा. अब तक हर साल 1 जनवरी को या उससे पहले 18 साल के होने वाले युवाओं को ही मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की अनुमति है.
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