शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि, याचिका जमानत के लिए नहीं है। याचिका में याचिकाकर्ता ने हिरासत में लिए जाने को गलत बताया है। जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी। वहीं, आम आदमी पार्टी के सूत्रों से खबर मिल रही है कि आम आदमी पार्टी हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है।
केजरीवाल को न्यायिक हिरासत
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने लंबी बहस सुनने के बाद 3 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि जज कानून से बंधे हैं, राजनीति से नहीं। निर्णय कानूनी सिद्धांतों के आधार पर दिए जाते हैं, राजनीतिक विचारों के आधार पर नहीं। अदालत राजनीति के दायरे में नहीं जा सकती। अदालत ने ट्रायल कोर्ट के बाद के रिमांड आदेशों को भी बरकरार रखा, जिसमें वह आदेश भी शामिल था जिसके माध्यम से केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
केजरीवाल की गिरफ्तारी
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर इस अदालत की राय है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी और रिमांड की जांच कानून के अनुसार की जानी चाहिए, न कि चुनाव के समय के अनुसार। उन्हें तारीखों के बारे में पता होगा, उन्हें पता होगा कि चुनाव कब होंगे। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा प्रस्तुत सामग्री को देखने के बाद, ईडी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी और अपराध की आय के उपयोग और छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे।