कुछ बीमारियां कोरोना से भी खतरनाक हैं, जो आपको अंदर ही अंदर खत्म कर देती हैं. ऐसी ही एक जानलेवा बीमारी है, हेपेटाइटिस
दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर ने लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है. सोते उठते कहीं भी आते-जाते, खाते-पीते दिमाग में बस एक ही चिंता रहती है और वो है इस वायरस से बचाव कैसे हो? लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ बीमारियां कोरोना से भी खतरनाक हैं, जो आपको अंदर ही अंदर खत्म कर देती हैं. ऐसी ही एक जानलेवा बीमारी है, हेपेटाइटिस. इससे लिवर में सूजन हो जाती है. यदि सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता तो पहले लिवर सिरोसिस और बाद में लिवर कैंसर भी हो जाता है. इससे मौत का खतरा बढ़ जाता है.
जानिए क्या है हेपेटाइटिस?
किसी वायरल इन्फेक्शन या वायरस की वजह से लिवर में होने वाली सूजन को हेपेटाइटिस कहते हैं. इसके अलावा और भी माध्यम है जिनसे हेपेटाइटिस हो सकता है, जैसे- ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस और मेडिकेशन, ड्रग्स, टॉक्सिन्स और शराब.
हेपेटाइटिस के लक्षण
हेपेटाइटिस होने पर आपको थकान, फ्लू जैसे लक्षण, पेशाब का पीलापन बढ़ना, पेट दर्द, भूख कम लगना, अचानक वजन कम होना, स्किन और आंखों का रंग पीला होना, इसके अलावा अगर किसी को क्रॉनिक हेपेटाइटिस है तो इसके लक्षण जल्दी नहीं पता लगते.
इस बीमारी के लक्षण बहुत देरी से पता चल पाते हैं. जब तक इस बीमारी का पता चलता है तब तक लिवर का 60-70 परसेंट हिस्सा खराब हो जाता है. जिन लोगों की सर्जरी हुई हो और ब्लड चढ़ा हो, एक्सीडेंट हुआ हो वो साल में एक बार सुरक्षा की दृष्टि से चेकअप करवा लें. अगर इस वायरस का उपचार नहीं किया गया तो लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी पैदा कर सकता है.
हेपेटाइटिस के प्रकार
हेपेटाइटिस A का संक्रमण गन्दा पानी और गंदे खाने से होता है. इस प्रकार के मरीज़ को किसी विशेष एंटीवायरल मेडिसिन की जरूरत नहीं पड़ती जल्द ठीक हो जाता है.
हेपेटाइटिस B बहुत खतरनाक प्रकार का होता है. ये वायरस किसी स्वस्थ व्यक्ति में किसी हेपेटाइटिस B संक्रमित व्यक्ति की बॉडी फ्लूयड जैसे ब्लड, वेजाइनल सीक्रेशन, सीमन आदि से प्रवेश करता है.
हेपेटाइटिस C भी किसी संक्रमित व्यक्ति के बॉडी फ्लूयड के संपर्क में आने से ही होती है.
हेपेटाइटिस D को डेल्टा हेपेटाइटिस के नाम से भी जाना जाता है. यह वाला प्रकार लिवर के लिए बहुत खतरनाक है. इसका संक्रमण इंफेक्टेड ब्लड के कांटेक्ट में आने से होता है.
हेपेटाइटिस E संक्रमित पानी के जरिए फैलता है. मानव मल में भी हेपेटाइटिस ई के वायरस की मौजूदगी होती है. साफ़ सफाई के आभाव से फैलता है.
हेपेटाइटिस की रोकथाम
इससे बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
टैटू के लिए स्टरलाइज नीडल का इस्तेमाल करें.
सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाएं.
अपने टूथब्रश और रेजर किसी को न दें.
शराब पीने से बचें.