हृदय रोग युवा आबादी को भी प्रभावित कर सकता है. लेकिन स्वस्थ आहार और सक्रिय जीवनशैली से इसे रोका जा सकता है.
भारत में हर चार में से एक मौत हृदय रोग (सीवीडी) के कारण होती है। सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोग दिल से जुड़ी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसलिए, आपके हृदय स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखने की गंभीरता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष दिन समर्पित किया गया है, और यह विश्व हृदय दिवस है. स्वस्थ हृदय के लिए स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए हर 29 सितंबर को यह दिन मनाया जाता है.
हर साल 18.6 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है, और यह भारत में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. इसके परिणामस्वरूप दिल की विफलता, अनियमित दिल की धड़कन आदि जैसी अतिरिक्त समस्याएं भी हो सकती हैं, जो सभी के जीवन की समग्र गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं. इसलिए कम उम्र में ही न केवल हृदय बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उपायों की आवश्यकता होती है.
हृदय रोग के लिए अधिकांश जोखिम कारक जीवनशैली से संबंधित हैं. निवारण हमेशा इलाज से बेहतर है. यह हृदय रोग के लिए विशेष रूप से सच है, क्योंकि स्थापित हृदय रोग का इलाज करना महंगा है, और जीवन भर चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है. दूसरी ओर, एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए केवल जागरूकता और समर्पण की आवश्यकता होती है. यह इस प्रकार गारंटी दे सकता है कि हृदय संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है, या यदि वे होती हैं, तो शरीर तेजी से और कम परिणामों के साथ ठीक हो जाता है.