Corona के इलाज के लिए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की नई गाइडलाइंस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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अब भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामले लगातार कम हो रहे हैं. मई में जहां रोजाना करीब 4 लाख नए मामले सामने आ रहे थे, वहीं अब यह संख्या घटकर एक लाख के करीब पहुंच गई है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत एंटीपायरेटिक और एंटीट्यूसिव को छोड़कर अन्य सभी दवाओं को हटा दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 27 मई को जारी संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक बिना लक्षण और हल्के लक्षणों वाले मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंक, मल्टीविटामिन और अन्य दवाओं पर रोक लगा दी गई है.

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इस गाइडलाइंस में डॉक्टरों को मरीजों के गैर जरूरी टेस्ट को रोकने के लिए भी कहा गया है. इनमें सीटी स्कैन भी शामिल है. कोरोना से बचाव के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और हाथ धोने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है तो उसे फोन पर सलाह लेने और पौष्टिक आहार लेने की भी सलाह दी गई है.

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गाइडलाइंस में कोरोना मरीजों और उनके परिजनों को भी सकारात्मक बात करने और फोन या वीडियो कॉल के जरिए एक-दूसरे से जुड़े रहने की सलाह दी गई है. इसमें यह भी कहा गया है कि जो लोग बिना लक्षण वाले मरीज हैं, उनके लिए कोई दवा निर्धारित नहीं की गई है. बशर्ते वे किसी अन्य बीमारी से पीड़ित न हों. वहीं, हल्के लक्षणों वाले मरीजों को बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन के स्तर पर खुद पर नजर रखने को कहा गया है.

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