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हरियाणा सरकार ने भारी विरोध के बाद अब राज्य के विश्वविद्यालयों को कर्ज देने के अपने फैसले में बदलाव किया है. अब पहले की तरह विश्वविद्यालयों को सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा.
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अब मिलेगा केवल लोन
आपको बता दें कि, हरियाणा सरकार ने 29 अप्रैल को राज्य के विश्वविद्यालयों को अनुदान के बदले कर्ज देने का फैसला किया था. इसके बाद से सरकार के इस फैसले की लगातार आलोचना हो रही है और इसे लेकर काफी बवाल भी हो रहा है. इस विरोध को देखते हुए सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है. वहीं राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा सरकार के इस फैसले का काफी विरोध हुआ था. आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और उन्हें अपना कर्ज का फैसला वापस लेना पड़ा.
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सभी ने मिलकर किया विरोध
मिली जानकारी के अनुसार, इस फैसले का टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ ने मिलकर विरोध किया था. उनका कहना था कि कर्ज चुकाने के लिए उन्हें फीस बढ़ानी होगी. यह निर्णय ऐसे समय में नहीं लिया जा सकता है, जब छात्र और उनके माता-पिता पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हों. सबका यह भी कहना है कि महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.
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