आपको बता दे कि कुछ रात के कच्छ में शुक्रवार की रात को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, इतना ही नहीं हरियाणा के झज्जर में भी दोपहर को भूकंप के कारण धरती हिली है.
आपको बता दे कि कुछ रात के कच्छ में शुक्रवार की रात को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, इतना ही नहीं हरियाणा के झज्जर में भी दोपहर को भूकंप के कारण धरती हिली है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, झज्जर में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 आंकी गई, जबकि कच्छ में इसकी तीव्रता 4.5 रही. झज्जर में दोपहर 12:29 बजे आए भूकंप का केंद्र आठ किमी जमीन के अंदर था.
भूकंप अनुसंधान संस्थान
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है. भूकंप अनुसंधान संस्थान के एक अधिकारी ने कहा, सुबह करीब नौ बजे कच्छ जिले के रापर से 19 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई. अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी था. यह सतह से 19.5 किलोमीटर की गहराई पर था भूकंप का असर राजकोट में भी महसूस किया गया और अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है.
भूकंप की तीव्रता
तमिलनाडु में शुक्रवार सुबह 3.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने यह जानकारी दी. भूकंप उत्तरी तमिलनाडु के चेंगलपेट जिले में सुबह 7.39 बजे आया. सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा महाराष्ट्र की सीमा से लगे उत्तरी कर्नाटक के विजयपुरा जिले के कुछ हिस्सों में शुक्रवार सुबह 3.0 तीव्रता का भूकंप आया. केएसएनडीएमसी के एक बयान के अनुसार, भूकंप सुबह 6.52 बजे आया, जिसका केंद्र जिले के विजयपुरा तालुक में उकुमानल गांव से 4.3 किमी दक्षिण-पूर्व में था. बयान में कहा गया है कि भूकंप की तीव्रता मापने से पता चला है कि इसकी तीव्रता कम थी और इसके झटके 40-50 किलोमीटर के दायरे में महसूस किये जा सकते हैं.
नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को कहा कि पश्चिमी नेपाल में 'अल्मोड़ा फॉल्ट' के सक्रिय होने के कारण उत्तर भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप आए हैं. रिजिजू ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 'अल्मोड़ा फॉल्ट' की सक्रियता के कारण इस साल 24 जनवरी, 3 अक्टूबर (6.2 तीव्रता) और 3 नवंबर (6.4 तीव्रता) को बड़े भूकंप आए. मंत्री ने कहा कि इन भूकंपों और उनके झटकों के कारण 2023 में भूकंप की आवृत्ति में वृद्धि हुई है, हालांकि पृष्ठभूमि भूकंपीयता अपरिवर्तित रही.