जस्टिस यूयू ललित ने आज देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रपति भवन में किया गया. जस्टिस ललित भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश है. शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए. इस अवसर पर न्यायमूर्ति एनवी रमना, जिन्होंने न्यायमूर्ति ललित के समक्ष मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया, भी उपस्थित थे.
भारत के 49 वें मुख्य न्यायाधीश
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, जिन्होंने भारत के 49 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, 100 दिनों से कम की अवधि के लिए भारतीय न्यायपालिका के छठे प्रमुख होंगे. न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल 74 दिनों का होगा और वह 8 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते है. न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह, जो 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक मुख्य न्यायाधीश थे, का कार्यकाल 18 दिनों का था. वहीं, 2 मई 2004 से 31 मई 2004 तक CJI के रूप में कार्य करने वाले न्यायमूर्ति एस राजेंद्र बाबू का कार्यकाल 30 दिनों का था. न्यायमूर्ति जेसी शाह ने 36 दिनों तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया. उनका कार्यकाल 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक था.
जस्टिस यूयू ललित को जजों की नियुक्ति
भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस यूयू ललित को जजों की नियुक्ति से लेकर महत्वपूर्ण संवैधानिक सवालों तक की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उन्हें अपनी न्यायिक विरासत का अनुभव भी होगा. दरअसल, यूयू ललित का परिवार चार पीढ़ियों से न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है. जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित आजादी से पहले सोलापुर में वकील थे. जस्टिस यूयू ललित के 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित भी पेशेवर वकील रह चुके है.