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किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एमएसपी और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति गठित करने के लिए केंद्र ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से पांच नाम मांगे हैं और इसका फैसला किसान संघों की अंब्रेला बॉडी अपनी 4 दिसंबर की बैठक में करेगी.
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यह कदम संसद के दोनों सदनों द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित करने के एक दिन बाद आया है, जिसके खिलाफ किसान एक साल से विरोध कर रहे हैं. ''आज केंद्र ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर विचार-विमर्श करने वाली समिति के लिए एसकेएम से पांच नाम मांगे हैं. हमने अभी तक नामों पर फैसला नहीं किया है. हम अपनी चार दिसंबर की बैठक में इस पर फैसला करेंगे.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की
एसकेएम, 40 से अधिक फार्म यूनियनों का एक छाता निकाय, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित तीन कृषि कानूनों और उनकी अन्य मांगों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है. इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि शून्य बजट आधारित कृषि को बढ़ावा देने, देश की बदलती जरूरतों के अनुसार फसल पैटर्न बदलने और एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के विषयों पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान यह घोषणा की जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है, जो पिछले एक साल से किसानों के विरोध के केंद्र में थे.
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