दिल्ली सरकार का कहना है की अगर पर्याप्त रूप से कोयला नहीं भेजा गया तो शहर में बिजली की कटौती दो दिन के भीतर हो सकती है.
कोयले की कमी पूरे देश में हो रही है और इस वजह से कई राज्य की सरकार परेशान है. दिल्ली सरकार का कहना है की अगर पर्याप्त रूप से कोयला नहीं भेजा गया तो शहर में बिजली की कटौती दो दिन के भीतर हो सकती है. पंजाब में भी बिजली से परशानियों की समस्याएं उजागर हो रही है. इसपर केंद्र सरकार ने इस चीज को जल्द ही सुधार होने का आश्वासन दिया है.
बिजली विभाग के मंत्रियों के तरफ से एक बयान में कहा गया है कि कोयले की कमी की बहुत वजह है. सरकार के मुताबिक आयातित कोयले की कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते भी सप्लाई में कमी आई है. सरकार ने इस परेशानी के चार वजह बताई है. और वो चार वजह कुछ इस तरह से है : अर्थव्यवस्था में सुधार के चलते बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि, कोयला खदान क्षेत्रों में भारी बारिश, आयातित कोयले की कीमत में वृद्धि और महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बिजली कंपनियों पर भारी बकाया.
सरकार ने यह कहा है की कोयला मंत्रालय लगातार इस कोयला स्टॉक के गतिविधियों पर अपनी नजर बनाई हुई है. कोयला मंत्रालय के तरफ से जारी बयान में यह लोगों को दिलासा दिलाया गया है की वे अगले तीन दिनों में बिजली क्षेत्र को 1.6 मिलियन टन प्रति दिन भेजने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. उसके बाद प्रति दिन 1.7 मीट्रिक टन तक पहुंचने की कोशिश करेंगे.
कोयला मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है की ‘खदानों में लगभग चार करोड़ टन और बिजली संयंत्रों में 75 लाख टन का थोक है. खदानों से बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचना एक बहुत बड़ी समस्या रही है, क्योंकि भारी बारिश के वजह से खदानों में पानी भर गया है. लेकिन अब इस समस्या का हल निकाला जा रहा है और बिजली संयंत्रों को कोयला की आपूर्ति बढ़ रही है.’