इससे क़रीब 30 लाख मकानों को फायदा मिलेगा। इसके तहत क़रीब 78 लाख से ज्यादा नौकरियां के अवसर मिल सकेंगें।
कोरोना काल मे लॉकडाउन लगने के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और पिछले कुछ महीनों से कई राहत पैकेज का एलान कर चुकी है। उसी के चलते गुरुवार के दिन सरकार ने एक और राहत पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये से बताया कि सामने आए आंकड़े इस तरफ इशारा करते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। इसी के साथ वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 की घोषणा भी की। इसमें मोदी सरकार ने 2.65 लाख करोड़ के एक और राहत पैकेज का ऐलान किया। जिसके तहत 12 उपायों की घोषणा की जाएगी। बता दें कि इसके जरिये रोजगार योजना की भी शुरुआत की जाएगी जिससे देश में नया रोजगार बढ़ सके।
2.65 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज
इस राहत पैकेज में कॉरपोरेट से लेकर किसान तक, रियल एस्टेट से लेकर हर परेशान सेक्टर को राहत देने का प्रयास किया गया है। ये पैकेज 2,65,080 करोड़ रुपये का है। बता दें कि सरकार अब तक कुल चार बार कुल 29,87,641 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दे चुकी है। जो कि देश की जीडीजीपी का करीब 15 प्रतिशत है। जिसमें से सरकार का खर्च जीडीपी का 9 फीसदी है और बाकी बचा रिजर्व बैंक का है।
आत्मनिर्भर भारत 3.0 से संगठित क्षेत्र में रोजगार पर फ़र्क़ पड़ेगा। ईपीएफओ से रजिस्टर्ड प्रतिष्ठान में काम करने वाले कर्मचारियों को फायदा होगा। जो कर्मचारी EPFO से नहीं जुड़े हुए थे या कोरोना काल में लगे लॉकडाउन या फिर किसी और वजह से जिन लोगों की जिनकी नौकरियां 1 मार्च से लेकर 30 सितंबर तक के बीच में चली गई उन सभी को इस योजना से फायदा मिल सकेगा। बीतत मंत्री ने बताया कि इस योजना की शुरुआत 1 अक्टूबर 2020 से हो चुकी है साथ ही सिर्फ़ 30 जून 2021 तक लागू है।
भारत रोजगार योजना
इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी को ईपीएफओ से जोड़ने का और पीएफ का फायदा देने का प्रयास करना है। कुछ कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिएरजिस्टर्ड नहीं थे और उनकी सैलरी भी 15000 से कम हो उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा। जिन कर्मचारियों के पास अगस्त से सितंबर तक नौकरी नहीं थी पर बाद में वे पीएफ से जुड़ गए हैं वो भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगें। इस योजना के तहत सरकार द्वारा दो साल तक करीब 1000 कर्मचारियों वाली कंपनियों को नई कर्मचारियों के पीएफ का 24% हिस्सा सब्सिडी के तौर पर दिया जायेगा। इस योजना के तहत देश में रोजगार बढ़ेगा।
ऐसे मिलेगा फायदा
सरकार आने वाले दो साल तक कंपनियों को सब्सिडी देगी। जिस संस्था में 1000 कर्मचारी की संख्या है उन कंपनियों में 12% नियोक्ता और 12% कर्मचारी हिस्सा केंद्र सरकार देगी । इस योजना के तहत 65% संस्थाएं इसमें कवर हो जाएंगी। इससे सरकार प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को विस्तार देगी। साथ ही सरकार नए कंपनियों और कर्मचारियों को पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन पर 10 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर सकती है।
ECLGS स्कीम की अवधि बढ़ी
सरकार द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये की ECLGS स्कीम की समय अवधी को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया है। इस योजना के तहत क़रीब 61 लोगों ने लाभ उठाया।
परेशान सेक्टर के लिए राहत योजना
क़रीब 26 परेशान सेक्टर की पहचान हुई है इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र भी शामिल हैं। इनमे इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम 2.0 शुरू हो रही है। इससे एमएसएमई सेक्टर को भी फ़ायदा मिलेगा।
पीएम आवास योजना-शहरी
सरकार ने पीएम शहरी आवास योजना के लिए भी 18 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान दिया है। इससे क़रीब 30 लाख मकानों को फायदा मिलेगा। इसके तहत क़रीब 78 लाख से ज्यादा नौकरियां के अवसर मिल सकेंगें।
निर्माण और बुनियादी ढांचा सेक्टर
निर्माण और बुनियादी ढांचा सेक्टर वाली कंपनियों को अब परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के तौर पर 5 से 10 % की जगह मात्र 3% ही रकम रखनी होगी। यह राहत 31 दिसंबर 2021 तक मिल सकेगी।
अन्य प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:
10 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए की गयी।
किसानों को 65 हजार करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी।
कोरोना के टीके पर रिसर्च करने के लिए 900 करोड़ रुपये बायोटेक्नोलॉजी विभाग को दिए जायेंगें मिलेगा। टीके का खर्चा अलग मिलेगा।