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DMRC: दिल्ली मेट्रो में अब सिल्वर की जगह आएगी गोल्डन लाइन!

दिल्ली मेट्रो की हर लाइन एक खास रंग से पहचानी जाती है। अब डीएमआरसी ने निर्माणाधीन फेज 4 तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर का कलर कोड बदलने का फैसला किया है।

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By Taniya Instafeed | खबरें - 02 February 2024

दिल्ली मेट्रो की हर लाइन एक खास रंग से पहचानी जाती है। अब डीएमआरसी ने निर्माणाधीन फेज 4 तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर का कलर कोड बदलने का फैसला किया है। अब इस कॉरिडोर का नाम सिल्वर लाइन नहीं बल्कि गोल्डन लाइन होगा. इस कॉरिडोर का 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है. और बाकी अभी भी चल रहा है. डीएमआरसी ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान किया है. डीएमआरसी ने कहा कि इस कॉरिडोर का रंग सिल्वर से बदलकर गोल्डन किया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों को कलर कोड की पहचान करने और दृश्यता बढ़ाने में सुविधा को ध्यान में रखते हुए तुगलकाबाद-एयरोसिटी लाइन का नया कलर कोड निर्धारित किया गया है।

डीएमआरसी ने कहा कि मेट्रो ट्रेनों के कोच स्टील से बने होते हैं और उनका रंग चांदी के रंग जैसा दिखता है। अगर मेट्रो लाइन का कलर कोड भी सिल्वर रहेगा तो वह कोच के रंग में मिल जाएगा और लोग उसे ठीक से देख नहीं पाएंगे। इसके बजाय, लोगों को सुनहरा रंग अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और ट्रेनों को देखकर मेट्रो लाइन की पहचान करना आसान हो जाएगा।

दिल्ली मेट्रो के अलग-अलग कॉरिडोर को आसानी से पहचानने के लिए डीएमआरसी ने सभी मेट्रो लाइनों को अलग-अलग कलर कोड दिए हैं, जो इंद्रधनुष के रंगों से काफी मिलते-जुलते हैं। दिल्ली मेट्रो की 10 लाइनों की पहचान 9 अलग-अलग कलर कोड के जरिए की जाती है। इनमें लाल, पीली, नीली, हरी, मैजेंटा, बैंगनी, गुलाबी, ग्रे और नारंगी लाइनें शामिल हैं। मेट्रो कोच के बाहर कलर कोड प्रमुखता से प्रदर्शित होता है, जिसे देखकर आसानी से पता चल जाता है कि ट्रेन किस कॉरिडोर पर चलती है।

अब आइए समझते हैं कि डीएमआरसी ने यह फैसला क्यों लिया। यात्रियों को कलर कोड की पहचान करने और उसकी दृश्यता बढ़ाने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तुगलकाबाद-एयरोसिटी लाइन के लिए एक नया कलर कोड निर्धारित किया गया है।

1. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने कहा है कि कॉरिडोर को सुनहरे रंग में रखने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि यह रंग सिल्वर रंग की बजाय ट्रेन पर अधिक स्पष्ट और आसानी से दिखाई देता है।

2. रंग की पट्टी उस विशेष गलियारे को दर्शाती है जो ट्रेन की बॉडी पर दिखाई देता है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलती है.

3. एरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर 15 स्टेशनों के साथ 23.62 किमी लंबा होगा। यह कश्मीरी गेट-राजा नाहर सिंह वायलेट लाइन को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से जोड़ेगा।

4. राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्से में कई नए इलाकों से कनेक्टिविटी जुड़ेगी. इस कॉरिडोर के मार्च 2026 तक चालू होने की उम्मीद है।

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