गहलोत का पायलट पर तंज, कहा- जब कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे तब इनके भी आ जाएंगे, इंतजार करें

सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को इशारों ही इशारों में पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिन्हें बिना रगड़ाई के पद मिल गया वे ही देश में फितूर कर रहे हैं. गहलोत ने आगे कहा कि जब कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे तब इनके भी आ जाएंगे कोई रोक नहीं सकता है.

  • 491
  • 0

राजस्थान  के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच दरार बढ़ती जा रही है. अशोक गहलोत ने आज फिर पुराने जख्मों को ताजा करते हुए अपने चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट पर बिना नाम लिए तंज कसा है. गहलोत ने सोमवार को यानी की आज इशारों ही इशारों में पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिन्हें बिना रगड़ाई के पद मिल गया वे ही देश में फितूर कर रहे हैं. गहलोत ने आगे कहा कि जब कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे तब इनके भी आ जाएंगे कोई रोक नहीं सकता है. मगर जितनी जल्दबाजी करेंगे उतनी ही ठोकरें खाते रहेंगे. गहलोत के इस बयान को बीते दिनों सीएम पद की कुर्सी को लेकर मचे उठा पटक से जोड़ कर देखा जा रहा है. 

आज कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो रहे मतदान के दौरान जयपुर में गहलोत ने कहा कि, अनुभव का कोई विकल्प नहीं हो सकता है. अनुभव के आधार पर ही पार्टियां गांवों और कस्बों में चलती हैं. युवा नेताओं के कांग्रेस पार्टी को छोड़ने वाले सवाल पर गहलोत ने कहा कि, जो कांग्रेस छोड़ गए वे अवसरवादी हैं. जिन्हें पहले मौका मिला था वे ही फितूर कर रहे हैं.

गहलोत का इशारा अभी इंतजार करें 

मालूम हो कि अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बदलने और उनकी जगह पायलट को सीएम बनाने को लेकर चल रही अटकलों का जवाब दे रहे थे. इस दौरान गहलोत ने इशारों-इशारों में स्पष्ट कह दिया कि वे अनुभवी हैं और अनुभव का विकल्प युवा नहीं हो सकते हैं. उन्होंने पायलट और उनके खेमे पर भी संकेतों ही संकेतों फितूर करने और जल्दबाजी करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही यह भी इशारा कर दिया कि वे अभी इंतजार करें.

25 सितंबर को मची थी हलचल 

गौरतलब है कि 25 सितंबर को नए मुख्यमंत्री का फैसला को लेकर विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाना था. इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का फैसला करना था. लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक ही नहीं होने दी और स्पीकर को अपने इस्तीफे दे दिए थे. वहीं अशोक गहलोत ने भी पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और सोनिया गांधी से जाकर माफी भी मांगे थे. पार्टी सूत्रों का दावा है कि तब ये तय हो चुका था कि पायलट को सीएम बनाना था. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. राजस्थान में अभी भी सीएम बदलने का मसला पेंडिंग है

19 अक्टूबर के बाद शुरु हो सकती है हलचल

कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया 19 अक्टूबर को पूरी हो जाने के बाद राजस्थान में सीएम पद को लेकर फिर से कवायद होगी. फिलहाल इस मसले को लेकर पायलट खेमा पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है.



RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT