अजमेर पुलिस को शक था कि बेगम बाजार पुलिस की मदद से जानकारी लीक हो सकती है, इसलिए उस थाने की जगह दूसरे थाने की पुलिस से मदद ली गई.
आपत्तिजनक बयान देकर फरार हुए अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती कानून के लंबे हाथ से बच नहीं पाए. लगातार मेस देकर भागती रही गौहर चिश्ती को पुलिस ने हैदराबाद से पकड़ लिया. जिस समय राजस्थान पुलिस शाहीनयतगंज पुलिस के साथ गौहर चिश्ती को गिरफ्तार करने गई थी, उस समय उसने घर की पहली मंजिल की खिड़की से कूदने की कोशिश की. लेकिन पुलिस टीम ने उसे छत पर ही पकड़ लिया.
चूड़ी का धंधा
दरअसल गौहर चिश्ती का मददगार बना एहसानुल्लाह उर्फ मुन्नावर हैदराबाद में रानी चूड़ियों के नाम से चूड़ी का धंधा चलाता है. गौहर और एहसानुल्लाह एक दूसरे को करीब बीस साल से जानते हैं. उनका परिचय तब हुआ जब एहसानुल्लाह अजमेर दरगाह आए. इसके बाद गौहर खुद कई बार हैदराबाद गईं.
अहसान उर्फ मुन्नावर
गौहर 30 जून को जयपुर से विमान से हैदराबाद गई थीं. अजमेर से गई पांच सदस्यीय पुलिस टीम को मुखबिर से उसके हैदराबाद पहुंचने की सूचना मिली. वहां की तोपखाना मस्जिद, जो बेगम बाजार थाने का क्षेत्र है, घौस महल क्षेत्र में अहसान उर्फ मुन्नावर की चूड़ी की दुकान है. गौहर एक जुलाई से पुलिस से बचने के लिए मुन्नावर के मोबाइल का इस्तेमाल कर रही थी.