उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश ने एक बार फिर 2013 की आपदा की यादें ताजा कर दी हैं. शनिवार को गंगा अपने उबड़-खाबड़ रूप में दिखाई दी,
उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश ने एक बार फिर 2013 की आपदा की यादें ताजा कर दी हैं. शनिवार को गंगा अपने उबड़-खाबड़ रूप में दिखाई दी, वहीं शाम तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगा. इससे स्थानीय प्रशासन नाराज हो गया, जिसके बाद पुलिस ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और मरीन ड्राइव इलाकों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी. उत्तराखंड में प्राकृतिक केदारनाथ त्रासदी साल 2013 में हुई थी.
ऐसे में शनिवार की शाम जब गंगा का जलस्तर अचानक खतरे के निशान को पार कर गया तो लोग उन्हें याद करने से कतरा रहे थे। कुछ ही देर में गंगा खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी। इसके बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। गंगा के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए खाने की भी व्यवस्था की गई है. वहीं, संवेदनशील स्थिति को देखते हुए गंगा के घाटों पर जल और सिविल पुलिस भी तैनात कर दी गई.