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Congress on Gita Press: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से प्रकाशित गीता प्रेस को केंद्र सरकार 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की. संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने 18 जून, 2023 को विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने का फैसला किया.
सीएम योगी ने दी बधाई
गीता प्रेस को मिले इस सम्मान के लिए सीएम योगी ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार' प्राप्त होने पर हृदय से बधाई. स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा. इसके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार की खिंचाई
वहीं, केंद्र सरकार के पुरस्कार के घोषणा के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार की खिंचाई की है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सम्मान नहीं, बल्कि उपहास है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुकुल द्वारा लिखित गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया का कवर पेज साझा करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा है कि, ये किताब बहुत अच्छी है. लेखक ने इसमें संगठन के महात्मा के साथ तकरार भरे संबंधों और राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाईयों का खुलासा किया है.
पीएम मोदी ने दी भी बधाई
बता दें कि गीता प्रेस इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है. प्रधानमंत्री ने भी सोमवार को ट्वीट कर बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, "मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं. उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में पिछले 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है."
कब से दिया जाता है शांति पुरस्कार
बता दें कि गांधी शांति पुरस्कार महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के मौके पर महात्मा गांधी द्वारा बनाए आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में दिया जाता है. ये 1995 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है. गांधी शांति पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग से इतर किसी को भी दिया जा सकता है. गीता प्रेस को केंद्र सरकार की ओर से दिए जा रहे इस पुरस्कार में 1 करोड़ रुपये का नकद इनाम, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट हथकरघा वस्तु शामिल है.
अब तक कितने लोगों को मिला है गांधी शांति पुरस्कार
इससे पहले इसरो और रामकृष्ण मिशन जैसे संगठन को भी यह पुरस्कार मिल चुका है. बता दें कि गीता प्रेस की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें श्रीमद्भगवद्गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां शामिल हैं.
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