जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने सत्येंद्र जैन को फैसला सुनाया. ईडी ने भी सत्येंद्र जैन की जमानत का विरोध किया. ईडी ने कोर्ट में कहा कि अगर जैन को जमानत दी जाती है तो मामले के गवाहों की जान को खतरा हो सकता है.
मनी लांड्रिंग मामले में सजा काट रहे दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दरअसल सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने आज गुरुवार को मामले में सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की भी जमानत याचिका खारिज कर दी.
जस्टिस दिनेश शर्मा ने सुनाया फैसला
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने सत्येंद्र जैन को फैसला सुनाया. ईडी ने भी सत्येंद्र जैन की जमानत का विरोध किया. ईडी ने कोर्ट में कहा कि अगर जैन को जमानत दी जाती है तो मामले के गवाहों की जान को खतरा हो सकता है. साथ ही जांच भी प्रभावित हो सकती है.
बता दें कि सत्येंद्र जैन ने इससे पहले कोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है और चार्जशीट दाखिल होने के बाद उनकी कारावास जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी.
30 मई को हुई थी गिरफ्तारी
ईडी ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 30 मई को गिरफ्तार किया था. वे तिहाड़ जेल में बंद हैं. आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाईं या खरीदी थीं. उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये का काला धन भी ट्रांसफर किया. ED ने जैन परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.