भारत की अध्यक्षता में आज होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला न्यूयॉर्क पहुंच चुके हैं
भारत की अध्यक्षता में आज होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला न्यूयॉर्क पहुंच चुके हैं. उनके पहुंचने की जानकारी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट के जरिए दी. उन्होंने अपनी ट्वीट में लिखा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौरान होने वाली बैठक में न्यूयॉर्क में विदेश सचिव का स्वागत करते हुए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. बताया गया कि भारत की अध्यक्षता में आज यानि सोमवार को बैठक होनी है.
पहली बैठक
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुरक्षा परिषद की बैठक पहले भी हो चुकी है. और पहले बैठक में अफगानिस्तान और तालिबान के मुद्दे पर चर्चा हुई थी. पहली बैठक के अनुसार और जो अफगानिस्तान में चल रहा है उसके मुताबिक माना जा रहा है कि आज होने वाली बैठक में सभी देश तालिबान के मुद्दों पर बातचीत करेंगे और तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाए या नहीं, इस पर चर्चा होगी गौर करने की बात तो यह है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालात बहुत खराब होते जा रहे हैं. अफगानिस्तान से आए दिन कुछ ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जिनसे वहां की जनता और बाकी देश में ही डरे हुए हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे की पिछले हफ्ते काबुल हवाईअड्डे पर कई हमले हुए हैं, जिसमें कई अमेरिकी सैनिकों समेत कई अन्य अफगान नागरिक भी मारे गए हैं.
आतंकवाद और पाकिस्तान
तालिबान इन दिनों अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. तालिबान के शासन के बाद अफगानिस्तान की धरती पर कई आतंकी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है कि, पाकिस्तान भी भारत के खिलाफ तालिबान से हाथ मिलाने को तैयार है. ऐसे में आज होने वाली बैठक में इन मुद्दों पर बातचीत होना बहुत जरूरी है. आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवादी संगठन विश्व के लिए खतरा बनता जा रहा है.
1 जनवरी, 2021
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक जनवरी, 2021 को अस्थायी सदस्य के रूप में सदस्यता मिली थी. इसके बाद अब भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करने का मौका मिला है. वही आपको बता दें कि भारत से पहले फ्रांस इसकी अध्यक्षता कर रहा था.