पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट में लगी भीषण आग, जानिए क्या वैक्सीन के उत्पादन पर पड़ेगा असर?

बता दें कि ये धमाका ऐसे समय में हुआ है जब भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है और देश भर में टीकों के लदान भेजे गए हैं।

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महाराष्ट्र के पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के टर्मिनल 1 गेट पर भयंकर आग लग गई है, ये वही इंस्टिट्यूट हैं जहां कोरोना वायरस महामारी के लिए  कोविशिल्ड वैक्सीन के उत्पादन के लिए प्रतिक्रिया जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक ये आग गोपालपट्टी में SII परिसर में स्थित इमारतों में से एक इमारत में लगी है जहां धुएं के घने बादल देखे जा सकते हैं। गंभीर स्थिति को देखते हुए पुणे फायर ब्रिगेड से कम से कम 10 फायर-टेंडर मौके पर बुलाए गए हैं और वो लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आडार पूनावाला ने बताया कि अब तक की आग त्रासदी में किसी प्रकार की जन हानि नहीं हुई है।

खबर के मुताबिक ये आग सीरम इंस्टीट्यूट में स्थित निर्माणाधीन बिल्डिंग में लगी थी न कि वैक्सीन उत्पादन वाली जगह पर, सीरम इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की। स्रोत के अनुसार, वैक्सीन के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है और फायर ब्रिगेड अपना काम कर रही है प्रयास जारी है।

पुणे में बिल्डिंग के टर्मिनल गेट 1 के अंदर एसईजेड 3 बिल्डिंग की चौथी और पांचवीं मंजिल पर आग लगी है जिसपर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है।बता दें कि ये धमाका ऐसे समय में हुआ है जब भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है और देश भर में टीकों के लदान भेजे गए हैं।

सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है और भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविशिल्ड वैक्सीन का उत्पादन यहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय रूप से, कोविशिल भारत में पहले COVID-19 टीकों में से एक है जो प्रतिबंधित आपातकालीन-उपयोग स्वीकृति प्राप्त करने वाली वैक्सीन है। आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 1966 में साइरस पूनावाला द्वारा की गयी थी।

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