एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की मौत के लिए कोविडशील्ड को दोषी ठहराया और कंपनी से 1000 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग तक कर डाली है।
एक व्यक्ति द्वारा दायर उस याचिका पर बंबई हाईकोर्ट ने सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बाकी लोगों से जवाब मांगा है जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत के लिए कोविडशील्ड को दोषी ठहराया और कंपनी से 1000 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग तक कर डाली है। दरअसल याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत की तरफ से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार भारत के औषधि महानियंत्रक को भी पक्ष बनाया है गिर के फाउंडेशन ने एसआईआई कंपनी के साथ भागीदारी की थी। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 26 अगस्त को याचिका पर सभी प्रतिभागियों को नोटिस जारी किया गया है इस मामले में सुनवाई 17 नवंबर को होने वाली है।
दरअसल पूरा मामला क्या है हम आपको बताते हैं याचिकाकर्ता ने इस बात का दावा किया है कि उनकी बेटी स्नेहल लुनावत एक मेडिकल छात्रा थी। उसे कॉलेज में एसआईआई द्वारा तैयार को भी ठीक आ को विश्व लगाने के लिए मजबूर क्या-क्या था क्योंकि वह स्वास्थ्य कार्यकर्ता कि याचिकाकर्ता के मुताबिक कुछ दिनों बाद स्नेहल खराब हो गई उसके तेज सिर दर्द होने लगा और उल्टी भी हुई बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जॉब डॉक्टर ने यह बताया कि उसके दिमाग में कुछ परेशानी हो रही है। इसके बाद 1 मार्च 2021 को उसकी मौत हो गई थी। इस बात का दावा किया गया है कि मौत का कारण टीके का दुष्प्रभाव था।
इसके अलावा याचिका में 2 अक्टूबर 2021 को टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना से संबंधित केस सरकार की समिति द्वारा एक रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसे आधार बनाया गया। जिसमें कथित तौर पर इस बात को स्वीकारा गया था कि उनकी बेटी की मौत को भी रितिका के दुष्प्रभाव के चलते हुई है। ऐसे में अब 1 हजार करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की गई है