आजकल फेसबुक से लेकर व्हाट्सएप पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो बहुत धुंधला है. देखा जा रहा है कि 10-12 साल का एक लड़का कार के बोनट पर सवार होकर विंडशील्ड की सफाई कर रहा है. कार का मालिक अंदर बैठे वीडियो रिकॉर्ड कर रहा है. कार की खिड़की साफ करते समय अचानक लड़का अपना दाहिना हाथ बदलता है और अपने बाएं हाथ से शीशा साफ करता है. इस हाथ में उन्होंने स्मार्टवॉच पहनी हुई है. FASTag पर जैसे ही लड़का अपनी स्मार्टवॉच को छूता है, घड़ी से लाल अंक चमकने लगता है. इसके बाद बच्चा भाग जाता है. वीडियो बनाने वाले का दावा है कि इस तरह से फास्टैग से पैसे चुराने का घोटाला चल रहा है.
केंद्र सरकार की एजेंसी, प्रेस सूचना ब्यूरो के पास सोशल मीडिया पर इसी तरह के वीडियो के लिए एक तथ्य जांच विभाग है. इस वीडियो के आते ही पीआईबी फैक्ट चेक भी एक्टिव हो गया. जांच में पता चला कि सोशल मीडिया पर FASTag के बारे में गलत जानकारी देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है. पीआईबी ने ट्वीट के जरिए इसे फर्जी बताया है. PIB ने साफ तौर पर कहा है कि FASTag से सिर्फ उन्हीं खातों के जरिए पैसा काटा जा सकता है, जिन्हें सरकार ने अनुमति दी है. प्रत्येक टोल प्लाजा का एक विशिष्ट कोड होता है और वीडियो में दावा किया गया लेनदेन संभव नहीं है.
फास्टैग का नियम
FASTag NETC ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए इसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी है. NETC FASTag लेनदेन केवल पंजीकृत व्यापारियों यानी टोल प्लाजा या पार्किंग प्लाजा द्वारा ही किया जा सकता है. वे अपने भौगोलिक स्थान के अनुसार एनपीसीआई पर पंजीकृत हैं. यानी जिस जगह के लिए यह रजिस्टर्ड है, उसी जगह इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. कोई भी अनधिकृत उपकरण NETC FASTag लेनदेन नहीं कर सकता है.