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साढ़े 3 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसान कृषि कानून को लेकर आंदोलन करने में जुटे हैं। लेकिन इस बीच पंजाब से एक राहत की खबर सामने आई है। दरअसल अमृतसर में कृषि कानूनों के खिलाफ जो रेल की पटरियों पर किसान बैठे थे उन्होंने धरना खत्म कर पटरियों को खाली कर दिया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक ट्रेनों के रद्द होने के चलते किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा था। ऐसे में 169 दिनों बाद धरना प्रदर्शन को खत्म करने का फैसला लिया गया है।
सामने आई जानकारी के मुताबिक अमृतसर के जंडियाला गुरु रेलवे स्टेशन से प्रदर्शन खत्म किए जाने के बाद अब अमृतसर से दिल्ली का सीधा यातायात शुरु हो गया है। इस कदम से कुलियों और यात्रियों को काफी राहत मिल रही है। प्रदर्शन के चलते रेल विभाग कुछ ही गाड़ियों को चला पा रहे थे जोकि तरन-तारन से होकर सिर्फ अमृतसर तक ही पहुंचती थी। इससे यात्रियों को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब वो राहत की सांस ले सकते हैं।
डीसी अमृतसर ने अपनी बात रखते हुए बताया कि कल प्रदर्शन खत्म किए जान के बाद पैसेंजर ट्रेन उस रास्ते से शुरु हो गई है जोकि पहले तरन-तारन के रास्ते आती थी। ऐसे में अब अमृतसर से दिल्ली के लिए ट्रेनों के सीधे आवागमन की शुरुआत से यात्रियों ने तो राहत की सांस ली है। इसके अलावा स्टेशन पर जो काम करने वाले कुली थे उनके चेहरे पर भी खुशी की मुस्कान आ गई है। उनका ये कहना है कि पिछले 6 महीने से उनका काम पूरी तरह से न के बराबर था और अब इसके बाद उनका कामकाज भी ठीक होगा।
अमृतसर में किसानों ने रेलवे ट्रैक को भले ही खाली कर दिया हो लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का जमावड़ा अभी भी है। टीकरी बॉर्डर, सिंधु बॉर्जर और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। पिछले साल नवंबर के आखिर से किसान वहां धरना दे रहे हैं। इनमें पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान हैं।
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