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कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर इस वक्त किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गाजीपुर बॉर्डर को किले में रातों-रात बदल दिया है। 2 महीने से यहां कृषि कानून को लेकर आंदोलन चल रहा है। लाल किले पर 26 जनवरी को जो घटना हुई थी उसके बाद किसान वापस जाना शुरु हो गए थे और यूपी की तरफ से भी गाजीपुर बॉर्डर को खाली करने के आदेश दिए जा चुके थे। लेकिन मामले ने तब जोर पकड़ लिया जब किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया के सामने रो पड़े। इसके बाद फिर से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान एक साथ जमा होने लगे। इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर के आसपास नेट को बंद कर दिया गया है।
इसके अलावा किसानों की बढ़ती संख्या को देखकर सरकार भी उनके साथ बातचीत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को जो सर्वदलीय बैठक के वक्त सभी विपक्षी पार्टी के नेताओं से कहा कि सरकार और किसान के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा के लिए खुल है। भले ही सरकार और किसान आम सहमति पर न पहुंचे। हमने किसानों के सामने विकल्प रखे हैं और उस पर हम चर्चा करेंगे। सरकार और किसानों के बीच एक कॉल की ही बस दूरी है।
गाजीपुर बॉर्डर पर हुई 12 लेयर की बैरिकेडिंग
किसान दिल्ली की तरफ ने बढ़े उसके लिए गाजीपुर बॉर्डर पर रातों-रात 12 लेयर की बैरिकेडिंग को तैयार कर दिया गया है। पुलिस की तरफ से ये काम गाजीपुर बॉर्डर पर किया गया है। पुलिस को इस बात की आशंका है कि 1 फरवरी को जब बजट सत्र पेश होने वाला है उसमें किसान दिल्ली की तरफ कूच ना कर दें इसके चलते ये बैरिकेडिंग की गई है।
ये रास्ते भी हैं बंद
बैरिकेड्स लगे होने की वजह से एन-एन 24 पूरी तरह से बंद है। नोएडा से अक्षरधाम जाने वाले रास्ते के साथ-साथ दिल्ली से इंदिरापुरम और नोएडा जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया गया है। इससे लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को रोकने के लिए नुकीले तारों वाले बेरिकेड्स का इस्तेमाल किया गया है। दिल्ली पुलिस की ये कोशिश है कि किसान दिल्ली में न घुस पाएं।
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