डांसर संदीप सोपारकर ने हाल ही में एक बड़ा अवॉर्ड जीता है, जिसको लेकर अब उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी है।
कोरियोग्राफर संदीप सोपारकर ने रवींद्र नाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार 2020 जीता हैं। जोकि सर्वोच्च सामाजिक पुरस्कारों में से एक। उन्हें यह पुरस्कार उनके सामाजिक कार्य डांस फॉर कॉज के लिए मिला था। जब डांसर संदीप सोपारकर से इस बारे में बात इंस्टाफीड ने बातचीत की तो उन्होंने खुलकर इस चीज को लेकर अपनी खुशी जताते हुए कई चीजें बताई है। आइए जानते हैं एक-एक करके हमारी बातों के अंश के बारे में यहां।
प्रश्न: 1 जब आपको ये पता लगा कि ये अवॉर्ड आपको मिला है तो कैसा आप महसूस कर रहे थे आप?
संदीप सोपारकर: मुझे जब डेनमार्क से फोन आया इस अवॉर्ड को लेकर तो मुझे पहले लगा कि मेरा मजाक उड़ा रहा है। क्योंकि कभी किसी डांसर और कोरियोग्राफर को ये अवॉर्ड नहीं मिला है। ये अवॉर्ड मिलना किसी भी डांसर के लिए एक बहुत बड़ी बात है। उस वक्त मुझे लगा मेरे कुछ दोस्त मेरा मजाक उड़ रहे हैं। क्योंकि टाइम को गया था इस चीज की घोषणा का। लेकिन जब इस चीज की प्रेस रिलीज मेरे पास आई ये चेक करने के लिए कि सब चीज ठीक है या नहीं। तब मुझे लगा कि ये सच होने वाला है। जब पहली बार इसकी घोषणा हुई तो मैं बहुत खुश था। आज डांस फॉर द कोज मेरा इनिशिएटिव है और उसके लिए मुझे ये अवॉर्ड मिला है इसकी मुझे खुशी है।
प्रश्न 2: संदीप सोपारकर आपकी जिंदगी में आपने काफी सारे उतार चढ़ाव देखे हैं। लेकिन इस दौरान आपने खुद कैसे संभाला है?
संदीप सोपारकर: मेरा हमेशा ये मानना रहा है कि डांस एक लक्षमण रेखा और करण के सवर्ण कवच की तरह है। जोकि आपको सुरक्षित रखता है। जब तक सीता ने लक्ष्मण रेखा नहीं उल्लंघी और करण ने स्वर्ण कवच को नहीं उतारा तब तक वो सुरक्षित रहे। ऐसे ही डांस भी ऐसा सुरक्षा कवच है जोकि आपको नकारात्मक चीजों से दूर रखेगा। इसके चलते आपको डाउन्स आपको प्रभावित ज्यादा नहीं करेंगे। वहीं, आपके हिट्स भी है वो भी आप पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे। डांस आपको एक बैलेंस लाइफ देती है। वही मैंने भी किया। जब भी मेरी लाइफ में कुछ भी डाउन्स आए तो मैंने बहुत डांस किया। बहुत डांस किया कुछ खुद के लिए और कुछ बाकी चीजों के लिए। मैंने अपने घर में ही बहुत डांस किया। ताकि नकारात्मक चीजों का प्रभाव मुझे से दूर रहे।
प्रश्न: संदीप आगे जो डांस में अपना करियर बनाना चाहते हैं उन्हें आप क्या सलाह देंगे?
संदीप सोपारकर: जो डांसर बनाना चाहते हैं और कोरियोग्राफर बनाना चाहते है उसको लेकर मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें जो करना वो करें। लेकिन उन्हें अपनी पढ़ाई बिल्कुल नहीं छोड़नी चाहिए। जैसे कि मैंने किया था। मैंने हॉटल मैंनेजमेंट का कोर्स और मार्केटिंग में एमबीए किया और यहीं दोनों चीजें डांस के अलावा मेरे काम में आई। इसके मां बाप का आशीर्वाद भी काम में आता है। अपने माता-पिता का दिल दुख कर आप कभी कुछ न करें। बल्कि उन्हें इस चीज को लेकर मनाएं और अपने काम में आगे बढ़ें। डांस आपकी जिंदगी में डांस की तरह की आगे आप बढ़ाए न कि रियलिटी शो के तौर पर।
प्रश्न: लॉकडाउन के वक्त आपके लिए प्रोफेशनली और पर्सनली कैसे गुजारी?
संदीप सोपारकर: मुझे लॉकडाउन में काफी ज्यादा मजा आया। मैं इतना ट्रेवल कर रहा था कि मैंने 6 से 8 महीने अपने माता-पिता के साथ गुजारे है। बहुत अच्छा लगा था। पूरानी बातें करना, बनाकर पकवान एक-दूसरे को खिलाना, बचपन की बात करना आदि जैसी चीजों की वजह से काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन अब जब लॉकडाउन खुल गया है कि और मेरे माता-पिता अपने दूसरे घर वापस चल गए हैं। तो अब ऐसा लगाता है कि वापस से लॉकडाउन हो जाए तो कितना अच्छा होगा।
प्रश्न -अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में आप अपने कुछ बताई?
संदीप सोपारकर: मेरे कुछ नई फिल्में आ रही है जो इस साल रिलीज होने वाली थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से अगले साल हो पाएगी। 4 फिल्मों जो है वो रिलीज होगी। मैंने इस दौरान दो-तीन गाने गवां दिए हैं। मेरे कुछ स्टेज शोज है उनमे से एक नमामि गंगे मैं एक्ट्रेस हेमा मालिनी संग उसे कर रहा हूं। जो हमने जनवरी-फरवरी में शुरु किया था लेकिन लॉकडाउन के बाद अब फिर से करने जा रहे हैं। इसके बाद एक और शो लाइफ ऑफ द करण हम करने जा रहे हैं। वही, मैं चाहता हूं कि 2021 सभी के लिए ढेरों खुशियां लेकर आए।
प्रश्न - आप बहुत सारे टेलीविजन डांस शो को जज कर चुके हैं? कई फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं? तो इनमें से सबसे ज्यादा मेहनत आपको किस चीज में लगी है?
व हर एक चीजें जो मैंने की है वो काफी मुश्किल भरी रही है। उन सभी के अलग-अलग मध्यम है। शुरुआत में मैंने स्टेज किया था वो मुझे काफी मुश्किल लगा था डांस के लिए। लेकिन जब डांस को एक्टिंग में बदला तो मुश्किल मुझे लगा। इसके बाद कोरियोग्राफी करी तो चीजें अलग थी। फिर मेरा रेडियो शो आया था आओ ट्विस्ट करें। तो उसमें आवाज से कैसे खेलते हैं उसको लेकर मुझे मुश्किले आई थी।