रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर कब्जा करने की लड़ाई में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है.
रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर कब्जा करने को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच खींचतान चल रही है. इस बीच रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर कब्जा करने की लड़ाई में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने लोजपा के चुनाव चिन्ह बांग्ला पर प्रतिबंध लगा दिया है. फिलहाल पशुपति पारस या चिराग पासवान को यह चिन्ह नहीं मिलेगा. चाचा और भतीजे दोनों ने प्रतीक पर दावा किया था.
चुनाव आयोग का कहना है कि न तो पशुपति पारस और न ही चिराग को लोजपा के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने दिया जाएगा. अंतरिम उपाय के तौर पर दोनों धड़े अपने उम्मीदवारों को नए नाम और चुनाव चिह्न आवंटित कर सकते हैं. लोकसभा में खुद को संसदीय दल का नेता घोषित करने के बाद, पशुपति पारस ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया और खुद को अध्यक्ष घोषित किया. इसके बावजूद चुनाव आयोग से लोजपा का नाम और चुनाव चिह्न न मिलना उनके लिए एक बड़ा झटका है. नाम के चुनाव चिन्ह पर सबसे पहले पारस ने चुनाव आयोग में दावा किया था.