तुर्कीए में 46 बार महसूस हुए भूकंप के झटके, Turkiye-Syria में अब तक 4300 से ज्यादा मौतें

तुर्किए में सोमवार (6 फरवरी) सुबह से लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. अब तक 46 बार झटके महसूस किए गए है. भूकंप के झटकों की तीव्रता 4.3 से लेकर 7.8 तक दर्ज की गई.

  • 3404
  • 0

तेज भूकंप की मार झेल रहे तुर्की में मंगलवार को फिर भूंकप से झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 5.9 थी. तुर्की में इससे पहले सोमवार को भूकंप के तीन तेज झटके लगे थे. इनमें से पहला भूकंप सुबह 4 बजे 7.8 तीव्रता का आया. इसने सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके बाद 7.5 और 6 तीव्रता के भूकंप आए.  भूकंप में अब तक 4365 लोगों की मौत दर्ज हो गई है. जबकि 14000 से अधिक अन्य घायल हुए हैं. भीषण भूकंप के चलते तुर्कीए और सीरिया में भारी नुकसान हुआ है. कई बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह गिरती हैं. 

46 बार महसूस हुए भूकंप के झटके

तुर्किए में सोमवार (6 फरवरी) सुबह से लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. अब तक 46 बार झटके महसूस किए गए है. भूकंप के झटकों की तीव्रता 4.3 से लेकर 7.8 तक दर्ज की गई. तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत समेत कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है.

भारत की NDRF की 2 टीमें तुर्किए रवाना

एक भारतीय वायु सेना सी-17 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की खोज और बचाव टीमों के साथ तुर्किए के लिए रवाना हुई. यह विमान एक बड़े राहत प्रयास का हिस्सा है जो IAF द्वारा अन्य भारतीय संगठनों के साथ किया जाएगा.


न्यूज़ीलैंड ने दी मदद

न्यूज़ीलैंड तुर्की रेड क्रीसेंट को 632,000 डॉलर और सीरियाई अरब रेड क्रिसेंट को 316,000 डॉलर की मदद दे रहा है जिससे खाना, टेंट और कंबल जैसे सामान की डिलीवरी के साथ-साथ चिकित्सा सहायता और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जा सके.

अमेरिका ,इजरायल, स्पेन ने बढ़ाया मदद का हाथ 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तुर्किए और सीरिया में भूकंप से तबाही पर दुख जताते हुए कहा, प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाएंगे. वहीं इजरायल ने भी तुर्किेए के लिए मदद का हाथ बढ़ाया रेस्क्यू टीम तुर्किए के लिए रवाना हुई. स्पेन भी सीरिया के भूकंप प्रभावित लोगो की मदद के लिए आगे आया. मलबे में फंसे लोगों की तलाश के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित स्निफर डॉग्स भेजे गए. 

सात दिनों का राष्ट्रीय शोक

तुर्की में सात दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया गया है. इसकी जानकारी जानकारी तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने दी है. एर्दोगन ने एक ट्वीट में कहा, "6 फरवरी को हमारे देश में आए भूकंपों के कारण, सात दिनों के लिए राष्ट्रीय शोक की अवधि घोषित की गई थी. हमारा झंडा 12 फरवरी, रविवार को सूर्यास्त तक आधा झुका रहेगा." 

तुर्किए में क्यों आता है भूकंप 

जानकारी के लिए बता दें कि तुर्किये को भूकंप के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक स्थानों में से एक माना जाता है. यहां बार-बार भूकंप आने की वजह टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. आठ करोड़ की जनसंख्या वाला ये देश चार टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है. इनमें से एक प्लेट हिलते ही पूरे क्षेत्र में जोरदार झटके लगते हैं. तुर्किये का सबसे बड़ा हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर बसा है जो कि दो प्रमुख प्लेटों, यूरेशियन और अफ्रीकी के अलावा एक छोटी अरेबियन प्लेट के बीच स्थित है. अफ्रीकी और अरब प्लेटें जैसे ही शिफ्ट होती हैं, पूरा तुर्किये हिलने लगता है. तुर्किये के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में ही यहां 33,000 से अधिक भूकंप के झटके लगे। इनमें से 322 की तीव्रता 4.0 से ज्यादा थी.

बता करें सीरिया की तो यहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ है. विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से यहां इमारतें पहले ही कमजोर या क्षतिग्रस्त थीं. अब भूकंप  आने के बाद कमजोर हुईं इमारतें धराशाई हो गईं और तबाही मच गई.

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT