कोरोना के कारण सीबीडीटी ने निर्धारण वर्ष 2021-22 के लिए विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 हो गयी है जो पहले 31 दिसंबर 2021 हुआ करती थी.
कोरोना के कारण सीबीडीटी ने निर्धारण वर्ष 2021-22 के लिए विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 हो गयी है जो पहले 31 दिसंबर 2021 हुआ करती थी.धारा 234F के तहत आयकर नियमों के अनुसार, विलंबित ITR के लिए जुर्माना 10,000 रुपये तक हो सकता है.हालांकि, ऐसे करदाताओं के लिए जिनकी कुल आय एक वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, देरी के लिए अधिकतम जुर्माना 1000 रुपये है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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देर से आईटीआर दाखिल करने पर करदाताओं को किसी भी अवैतनिक कर देयता पर दंडात्मक ब्याज का भुगतान करना होगा.देर से आईटीआर फाइल करने वाले आय के किसी भी शीर्ष (गृह संपत्ति से आय के अलावा) के तहत नुकसान को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं. यह सुविधा तभी उपलब्ध होती है जब नियत तारीख के भीतर आईटीआर दाखिल किया जाता है. हालांकि, गृह संपत्ति से आय के मद में नुकसान को आगे बढ़ाया जा सकता है.