पितृपक्ष में बिल्कुल भी न करें भूलकर ये काम, झेलना पड़ सकता है पतरों का श्राप

15 दिन तक पितृपक्ष मनाया जाता है। इन 15 दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं साथ ही उनकी पुण्यतिथि पर श्राद्ध करने का काम करते हैं।

  • 710
  • 0

पितरों के प्रति पितृपक्ष 10 सितम्बर से शुरू हो गया है जोकि यह 25 तारीक तक चलेगा। 15 दिन तक पितृपक्ष मनाया जाता है। इन 15 दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं साथ ही उनकी पुण्यतिथि पर श्राद्ध करने का काम करते हैं। पितरों का ऋण श्राद्ध के जरिए ही चुकाने का काम किया जाता है। साल के किसी भी महीने या फिर तारीख में स्वर्गवासी हुए अपने पितरों के लिए पितृपक्ष की उसी तारीख को श्राद्ध किया जाता है। ऐसा कहा गया है कि श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए।


सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि श्राद्ध के बाद तो कोई भी शुभ कार्य ना करें। साथ ही कोई नए काम की शुरुआत ही ना करें।  इस दौरान घर की छत डलवाना या फिर लकड़ी का सामान खरीदना इंदन को इकट्ठा करना यह सभी चीजें अशुभ मानी जाती है। साथ ही साथ इस 15 दिन के दौरान ना तो आप लहसुन प्याज मांसाहार का सेवन करें। 


इसके अलावा आपको बता दें कि इस दौरान दाढ़ी बनाना, बाल काटवाना या फिर खूबसूरती से जुड़ा कोई भी सामान खरीदना अच्छा नहीं माना जाता। इसके अलावा नए कपड़े पहनना या फिर गहने गाड़ी यह सब चीज आपको नहीं खरीदनी चाहिए ना ही इन्हें बुक कराना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। मन, वचन और कर्म तीनों के माध्यम से किसी रूप में ब्रह्मचर्य व्रत टूटना नहीं चाहिए।

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT