कुत्ते की चमकी किस्मत! सड़क पर आवारा घूमने वाली 'रॉकी' गई लंदन, जानिए कैसे बहुरे एक जानवर के दिन

हमने अक्सर ये सुना है हर कुत्ते का दिन आता है और ये कहवात कही न कही सही साबित हुई है। यहां जानिए रॉकी की कहानी जो गवां बैठी हादसे में अपने दोनों पैर लेकिन अब जा रही है यूके।

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अक्सर ही हमने लोगों को ये कहते हुए सुना है कि भले ही जानवर बोल नहीं पाते हैं लेकिन उनकी भावनाएं और जज्बात कही न कही इंसानों जैसे ही होते हैं। यहां हम आपको ऐसे ही डॉगी के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पहले बुरी तरह से पीड़ा का शिकार होना पड़ा लेकिन अब उसे एक प्यार करने वाला परिवार मिल गया है। एक आवारा डॉगी रॉकी की यहां हम बात कर रहे हैं जो चमत्कारिक रूप से पिछले साल फरीदाबाद में एक ट्रेन के नीचे कुचलने से बच गई थी, अब उसे यूके में एक घर मिल गया है, जिसके लिए वो आज रवाना हो गई है। 

अब तीन साल का पूरा हो चुकी रॉकी बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के नीचे आ गई थी। इस हादसे में रॉकी के आगे के दोनों पैर बुरी तरह से खराब हो गए और वहीं, पीछे वाले पैर में भी चोट पहुंची थी। उसके शरीर से इतना खून बह चुका था कि वो मौत की कगार पर पहुंच चुकी थी। लेकिन उस दौरान एक आरपीएफ का एक कांस्टेबल रॉकी के लिए फरिश्ता बनकर सामने आए। यहां हम बात कर रहे हैं  कांस्टेबल चंद्रपाल तंवर की जो रॉकी को अपने साथ लेकर पीपल फॉर एनीमल नाम के एक ट्रस्ट पहुंचे। जहां उसका तुंरत ही इलाज करना शुरु कर दिया। रॉकी को इतनी बुरी तरह से चोट आई हुई थी कि वो कई महीनों तक इस परिस्थिती से लड़ती हुई नजर आई।


अब खुद ये काम करने लगी है रॉकी

ट्रस्ट के अध्यक्ष रवि दुबे ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हादसे के चलते रॉकी का काफी खून बह गया था और हमें खून तक चढ़ाना पड़ गया था। उसका स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगा। उसने प्रोस्थेटिक पैरों की मदद से चलना शुरू किया और आगे सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ सकती है। वह चारों ओर घूम सकती है, कटोरे से खा सकती है और एक बार फिर फ्री होकर खेल सकती है। 

ऐसे मिला रॉकी को नया परिवार

वहीं, सोने पर सुहागा वाली चीज तो इन सब पर ये हो गई कि रॉकी को यूके में अपना हमेशा के लिए एक परिवार और घर मिल गया। ये सब तब ही हो पाया जब पीएफए ट्रस्ट द्वारा रॉकी की शानदार रिकवरी का वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल होना शुरु हो गया। इसके बाद कॉटस्वोल्ड्स में रहने वाले एक परिवार ने उसे अपनाने में रुचि दिखाई, जिसके चलते ही रॉकी कॉटस्वोल्ड्स में रहने के लिए रवाना हो गई है। वहीं, रॉकी अब जब चलने की कोशिश करती है तो खुद को बैलेंस रखने के लिए पिछले पैर और ठोड़ी का इस्तेमाल करते हैं।

ऐसे कर सकेंगे मासूम की जानवरों की मदद

इस खबर को पढ़कर आपका मन भी कही न कही प्रसन्न हो गया होगा ऐसे में यदि आपके मन में भी किसी मासूम जानवर के लिए दया भावना पैदा होती है और आप उनकी मदद करना चाहते है। इसके अलावा यदि आपके साथ कभी ऐसी परिस्थिति पैदा हो गई तो आप कैसे संभालेंगे तो आपको बता देते हैं कि इसके लिए आप पेटा के साथ जुड़ सकते हैं। आप यदि किसी भी जानवर को परेशानी या फिर खतरे में देखते हैं तो तुरंत ही इमरजेंसी नंबर 98201 22602 पर कॉन्टेक्ट करें।  लेकिन पेटा के मुताबिक आपको उस जानवर के साथ तब तक रहना होगा जब तक उसके पास सहायता न पहुंच जाए।


हिंसा के खिलाफ न रहे चुप ऐसे उठाए सख्त कदम

किसी भी जानवर के साथ यदि आप बुरा व्यवहार और हिंसा होते हुए देखते हैं तो उसके खिलाफ आवाज उठाए और सारे सबूतों को संभालकर अपने पास के किसी पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज करें। इसके अलावा आप राज्य के वन विभाग के जरिए वन अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। 

इन तीन वेब साइट के जरिए आप पा सकते हैं कई अहम जानकारी ताकि कर सकें किसी मासूम जानवर की मदद-

- ‘वर्ल्ड एनिमल नेट‘ ( http://worldanimal.net/)

- ‘वी फॉर एनिमल्स‘(http://www.weforanimals.com/)

- ‘पीपल फॉर एनिमल‘(https://www.peopleforanimalsindia.org/)

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