हवाई यात्रा करने वालों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बड़ी राहत दी है। वही जो यात्री बिना बैगेज हवाई सफर करेंगे उन्हें एयर लाइंस की तरफ से टिकट की कीमतों में छूट दी जाएगी।
हवाई यात्रा करने वालों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बड़ी राहत दी है। हवाई यात्रा करने वाले ऐसा यात्री जिनके पास सामान नहीं होगा उन्हें अब टिकट की कीमतों में छूट मिलेगी। जिसके तहत नागरिक उड्डन महानिदेशालयकी तरफ से इस बारे में शुक्रवार को सर्कुलर जारी किया गया है। वही इस सर्कुल में यह बताया गया है कि जो यात्री बिना बैगेज हवाई सफर करेंगे उन्हें एयर लाइंस की तरफ से टिकट की कीमतों में छूट दी जाएगी। यानि अब जो यात्री सिर्फ केबिन बैग(जिनका वजन अधिकतम सात किलोग्राम हो)लेकर यात्रा करेंगे उन्हें किराए में छूट दी जाएगी। वही वर्तमान में यात्री कैबिन बैगेज के साथ 15 किलोग्राम का चेक-इन बैगेज ले जा सकता है। इससे ज्यादा सामान ले जाने पर अतिरिक्त चार्ज लगते हैं।
बता दें कि डीजीसीए की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया कि फीडबैक के आधार पर ऐसा महसूस किया गया है कि यात्रा के दौरान एयरलाइंस की तरफ से जो सेवाएं मुहैया कराई जाती है, कई बार यात्रियों को उनकी जरुरत नहीं होती है इसलिए सरकार की तरफ से यह तय किया गया है कि उन सभी सेवाओं को अलग किया जाए और यात्रियों को टिकट बुक करने के दौरान ऑप्शन दिया जाए कि वे उस सुविधा को लेना चाहते हैं या नहीं।
Directorate General of Civil Aviation issues a circular, allowing airlines to give concessions in ticket prices to passengers who carry no baggage. pic.twitter.com/o8ygs7kkGo
— ANI (@ANI) February 26, 2021
ड्रोन के जरिए ली जाएगी धान और गेंहू की फसल की तस्वीरें
कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पीएमएफबीवाई) के तहत ग्राम पंचायत के लेवल पर धान और गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आंकलन के लिए ड्रोन से तस्वीरें खींचेगा।इसके साथ-साथ नागर विमानन महादेशालय ने मंत्रालय को 100 जिलों में धान और गेहूं के प्रति हेक्टेर उत्पादन के आकलन के लिए ड्रोन के जरिए तस्वीरें लेने की परमिशन दे दी हैं।
कृषि मंत्री ने किया ट्वीट
कृषि मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश में फसल के प्रति हेक्टेय उत्पादन के आंकलन का यह पहला रिमोट सेंसिंग प्रौघोगिकी आधारित सबसे बड़ा पायलट अध्यन हैं। वही इस पायलट अध्यन में ड्रोन से खींची गई तस्वीरों के अलावा सैटेलाइट आंकड़ों, बायोफिजिकल मॅाडल, स्मार्ट सैंपलिंग, कृत्रिम मेधा(एआई) का भी इस्तेमाल किया जाएगा।