देवशयनी एकादशी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा. एकादशी व्रत का बहुत महत्व है. कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. कहते हैं इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में पहुंच जाते हैं. इसके बाद सभी अशुभ और शुभ कार्य रुक जाते हैं. भगवान की सुप्त अवस्था में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. 4 महीने की इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है.
ऐसे करें पूजा
देवशयनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर जल में गंगाजल डालकर स्नान करें. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का व्रत लें. ध्यान रहे कि पूजा करने से पहले साफ-सफाई जरूर करें. पूजा से पहले चौकी पर भी पीला कपड़ा बिछाएं. साथ ही भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं. इसके बाद भगवान को फल, फूल और धूप चढ़ाएं. इसके बाद देवशयनी एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें और भगवान को पंचामृत का भोग लगाएं.
योग निद्रा में भगवान विष्णु
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं. कहा जाता है कि इस दौरान दुनिया पर रुद्र का शासन होता है. कहा जाता है कि इस काल में की गई पूजा का फल शीघ्र मिलता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इस दौरान कोई विवाह, विवाह, मुंडन, सगाई और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं साथ ही जातक को पापों से मुक्ति मिलती है और मन शुद्ध होता है.