राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बावजूद केंद्र सरकार के एक पैनल ने सोमवार को वायु प्रदूषण रोधी कार्य योजना के तीसरे चरण के तहत पाबंदियां नहीं लगाने का फैसला किया.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा अब की स्थिति अब भी चिंता जनक बनी हुई है. दिल्ली में हवा की गिरती गुणवत्ता लोगों के सेहत को खराब कर रही है. हाल ही में आई रिपोर्ट में दिल्ली की वायु गुणवत्ता की स्थिति को गंभीर श्रेणी में बताया गया था. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बावजूद केंद्र सरकार के एक पैनल ने सोमवार को वायु प्रदूषण रोधी कार्य योजना के तीसरे चरण के तहत पाबंदियां नहीं लगाने का फैसला किया.
शाम 4 बजे AQI 410 दर्ज किया गया
दिल्ली में शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचांक(AQI) 410 दर्ज किया गया और कोहरे मोटी परत छाई रही. सड़कों पर चलने वालों वाहनों को लाईट जलाकर चलना पड़ा. बता दें कि गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति ने चरणबद्ध कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) के तहत दिल्ली में प्रदूषण-रोधी उपायों को लागू करने की वकालत की. उप-समिति ने कहा कि वायु प्रदूषण के स्तर में अचानक वृद्धि अस्थायी थी. पैनल ने एक आदेश में कहा, ‘‘ चूंकि पूर्वानुमान किसी भी गिरावट की भविष्यवाणी नहीं करता है और दिल्ली के समग्र एक्यूआई में आज रात/कल से और सुधार होने का अनुमान नहीं जताया गया है, इसलिए जीआरएपी की उप-समिति ने सर्वसम्मति से तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू नहीं करने का फैसला किया है. आगे कहा गया कि एक्यूआई में गिरावट का रुख स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, क्योंकि दिल्ली का कुल एक्यूआई अपराह्न तीन बजे 411 से घटकर शाम छह बजे 406 हो गया.
पहले और दूसरे चरण के तहत निवारक कार्रवाई जारी रहेगी
सीएक्यूएम ने कहा कि पहले और दूसरे चरण के तहत निवारक कार्रवाई जारी रहेगी. यदि एक्यूआई के गंभीर श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है, तो जीआरएपी के अनुसार, तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कम से कम तीन दिन पहले शुरू की जानी चाहिए. जीआरपी के तीसरे आरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों में दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस, स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों को बंद करना शामिल है.