राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति फिर बेहद खराब दर्ज की गई. आने वाले दिनों में दिल्ली में मौसम संबंधी प्रतिकूल स्थितियों को देखते हुए इसके और खराब होने का अनुमान लगाया जा रहा है. यह जानकारी पूर्वानुमान एजेंसियों ने दी है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति फिर बेहद खराब दर्ज की गई. आने वाले दिनों में दिल्ली में मौसम संबंधी प्रतिकूल स्थितियों को देखते हुए इसके और खराब होने का अनुमान लगाया जा रहा है. यह जानकारी पूर्वानुमान एजेंसियों ने दी है. दिल्ली में वायु कि गुणवत्ता मंगलवार सुबह 321 के एक्यूआई के साथ "बेहद खराब" श्रेणी में दर्ज की गई.
वहीं दिल्ली एनसीआर की हवा भी काफी खराब हो चुकी है. नोएडा में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 354 का एक्यूआई दर्ज किया गया, जबकि गुरुग्राम का एक्यूआई 326 पर रहा, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 321 दर्ज किया गया. वहीं इससे पहले शनिवार को यह 381 था, रविवार को 339 से खराब होकर सोमवार को 354 हो गया. बता दें कि पंजाब में खेतों में पराली जलाने की घटनाएं एक दिन पहले के 599 की तुलना में सोमवार को बढ़कर 2,487 हो गईं थीं.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली पूर्वानुमान एजेंसी सफर के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी रविवार के 18 फीसदी से घटकर सोमवार को 14 फीसदी रह गई. वहीं मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम में 326 और नोएडा में 354 एक्यूआई दर्ज किया गया है.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली शहर की वायु प्रदूषण की गुणवत्ता को देखते हुए सोमवार को प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि 9 नवंबर से स्कूल खोलने का आदेश दिया है. प्रदूषण के उच्च स्तर ने दिल्ली सरकार को शुक्रवार को अतिरिक्त उपायों की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया था, जिसमें शनिवार से प्राथमिक स्कूलों को बंद करना और अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का आदेश देना शामिल है.