स्मॉग के चलते दिल्ली के लोगों को तेज हवा में रहना पड़ रहा है. लेकिन अब इसके समाधान की दिशा में कदम उठाए गए हैं. वह समाधान स्मॉग टावरों की स्थापना है.
स्मॉग दिल्ली के लिए एक बड़ी समस्या है. स्मॉग के चलते दिल्ली के लोगों को तेज हवा में रहना पड़ रहा है. लेकिन अब इसके समाधान की दिशा में कदम उठाए गए हैं. वह समाधान स्मॉग टावरों की स्थापना है. दिल्ली में पहला स्मॉग टावर लगाया गया है. इसका उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे. यह स्मॉग टॉवर प्रदूषित हवा को अंदर खींचेगा और स्वच्छ हवा छोड़ेगा. यह स्मॉग टावर दिल्ली के कनॉट प्लेस के बीचों-बीच लगाया गया है. यह स्मॉग टावर 1 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की प्रदूषित हवा को अंदर लेकर स्वच्छ हवा की आपूर्ति करेगा. स्मॉग टावर वातावरण से प्रदूषित हवा को हटाकर उसे साफ कर 10 मीटर की ऊंचाई पर छोड़ देगा. यह केजरीवाल सरकार का पायलट प्रोजेक्ट है.
स्मॉग टॉवर क्या है?
सीधे और आसान शब्दों में कहें तो स्मॉग टावर एक बहुत बड़ा वायु शोधक है. यह अपने परिवेश से प्रदूषित वायु या उसके कणों को अवशोषित करता है. फिर स्वच्छ हवा को वापस पर्यावरण में छोड़ता है. आम होम प्यूरीफायर की तरह ये भी बिजली से चलते हैं. इनमें से कुछ को सौर ऊर्जा से भी चलाया जा सकता है.
सीएम केजरीवाल करेंगे स्मॉग टॉवर का उद्घाटन
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मानसून सीजन के बाद स्मॉग टावर पूरी क्षमता से काम करेगा. उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल आज यानी 23 अगस्त को स्मॉग टावर का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद एक्सपर्ट्स प्रदूषण पर इसके असर का पता लगाएंगे. परिणामों के आधार पर, हम और उपकरण स्थापित करने पर निर्णय लेंगे.
आपको बता दें कि इसे दिल्ली कैबिनेट ने पिछले साल अक्टूबर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मंजूरी दी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई. वही गोपाल राय ने कहा कि स्मॉग टावर के प्रदर्शन और प्रभाव का मूल्यांकन एक्सपर्ट्स द्वारा किया जाएगा, जो सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे और यदि प्रदर्शन प्रभावशाली रहा, तो सरकार दिल्ली में इसी तरह के टावर स्थापित करेगी. स्मॉग टावर हर सेकेंड में 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा और दिल्ली में पीएम 2.5, पीएम 10 के स्तर को कम करेगा.