सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार के दिन ये चीज साफ करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण का केस बंद नहीं किया जाएगा और उसकी तरफ से अंतिम आदेश तक दिए जाएंगे. जानिए इस पर कोर्ट ने आगे क्या कहा.
सुप्रीम कोर्ट इस वक्त वायु प्रदुषण को लेकर सख्त कदम उठाता हुआ नजर आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार के दिन ये चीज साफ करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण का केस बंद नहीं किया जाएगा और उसकी तरफ से अंतिम आदेश तक दिए जाएंगे. इस केस की अहमियत समझते हुए मामले की सुनवाई जारी कर रखी है. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से भी वायु प्रदूषण के संबंध में लिखित तौर पर जवाब दाखिल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार, हरियाणा और पंबाज सरकार को प्रदूषण को कम करने के लिए सही कदम उठाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
वही, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते वक्त कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए अगले दो से तीन दिनों तक जारी रखे. इस दौरान यदि वायु प्रदूषण का स्तर कम होता दिख रहा है तो कुछ प्रतिबंधों में ढील देने की गुंजाइश हो सकती है. कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर सरकारी रवैये को लेकर अपनी निराश भी व्यक्त की है. अपनी बात रखते हुए सीजेआई ने कहा, ‘सरकारी वकील और जज होने के नाते हम लोग इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं. लेकिन नौकरशाही क्या कर रही है?’ सीजेआई एनवी रमण ने यह सुझाव दिया कि अफसरों को खेतों में किसानों के पास जाना चाहिए, उनसे बात करनी चाहिए. इसमें वैज्ञानिकों को शामिल करना चाहिए और कोई निर्णय लेना चाहिए.
प्रदूषण को लेकर उठाए गए अहम कदम
इस पर अपनी बात रखते हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए सरकार की ओर से कई अहम कदम उठाए गए हैं. इस पर सीजेआई ने कहा कि किसानों के संबंध में आवेदन दाखिल किया गया है. साथ ही निर्माण पर प्रतिबंध को लेकर एक अन्य आवेदन है. एसजी मेहता ने कहा कि मुझे आवेदन की कॉपी नहीं मिली है.