दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को कोविड-19 से जुड़ी एक ऐसी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जोकि उनके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है।
कोरोना वायरस के चलते कई समय तक लोगों को घर पर ही रहना पड़ता था, जिसके चलते वो काफी ज्यादा बोर हो गए थे। लेकिन परिस्थितियों को देखकर चीजों पर लॉकडाउन के तहत छूट दी जाने लगी। इसके बाद घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भरने को लेकर भी इजाजत दे दी गई। लेकिन अब हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अब एक और बढ़ी खबर सामने आई है। दरअसल दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ाने भरने वाले घेरलू और अंतराराष्ट्रीय यात्री अब प्रस्थान करने से पहले अपना कोविड-19 टेस्ट आसानी से एयरपोर्ट पर करवा सकते हैं। जहां कोविड टेस्ट की सुविधा एयरपोर्ट पर 12 सितंबर को शुरु कर दी गई थी, लेकिन उस वक्त ये सुविधा केवल अंतर्राष्ट्रीय अराइवल के लिए उपलब्ध कराई गई थी।
कहां आप ये टेस्ट करवा सकते हैं उसके बारे में हम आपको जानकारी दे देते हैं। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरफ से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में जाने वाले यात्रियों के लिए 28 अक्टूबर को टर्मिनल 3 के गेट नंबर 8 के डायरेक्टर सामने एक कोविड-19 का टेस्ट बूथ जेनेस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर लगाया गया है। जेनेस्ट्रेस डायग्नोस्टिक सेंटर प्राइवेट लिमिटेड एक ICMR अप्रूव्ड लाइब्रेरी है और फिलहाल कोविड-19 टेस्ट का परीक्षण करने के लिए दिल्ली राज्य सरकार से जुड़े हुए है।
डीआईएएल ने अपने बयान में कहा कि यात्री लगभग छह घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंच सकते हैं और एनएनआर 2400 का भुगतान करके हवाई अड्डे पर कोविड परीक्षण करवा सकते हैं और परिणाम 4 से 6 घंटे में प्राप्त कर सकते हैं। दिए गए बयान के मुताबिक टेस्ट के सैंपल कलेक्शन बूथ एक घंटे में कम से कम 120-130 टेस्ट इक्ट्ठा कर सकते हैं। इसी संदर्भ में डीआईएएल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमने दिल्ली एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय ही नहीं घरेलू यात्रियों के लिए अब आरटी-पीसीआर टेस्ट सुविधा शूरू की है। ये एक अनोखी सुविधा है उन यात्रियों के लिए जिन्हें यात्रा करने के दौरान कोविड-19 नेगेटिव प्रमाणपत्र की जरूरत होगी।
वहीं, आपको बता दें कि डीआईएएल की ओर से 12 सितंबर को टर्मिनल 3 के बहु- स्तरीय कार के पार्किंग एयरिया पर अंतररार्ष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आपको बात दें कि 23 मार्च के बाद सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लग गई थी। स्पेशल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को मई के महीने से वंदे भारत मिशन के चलते और जुलाई महीने के अंदर भारत और बाकी देशों के बीच आवाजाही की प्रक्रिया चालू थी।