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हर साल दशहरा और दिवाली के आसपास दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है. इससे न सिर्फ दिल्ली की जनता बल्कि सरकार भी परेशान है. ऐसे में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए जाते हैं, लेकिन उनके बावजूद प्रदूषण को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है. अब दिल्ली सरकार वाहन प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से एक बार फिर ऐसा अभियान शुरू करने जा रही है, जिस पर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एक साल पहले लगाया था प्रतिबंध उन्होंने इसके असर पर सवाल उठाए थे. फिलहाल यह अभियान 26 अक्टूबर से शुरू किया जा रहा है.
उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी
दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के सूत्रों के मुताबिक, इस साल रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी नहीं होगी क्योंकि इसमें भाग लेने वालों को इस बार कोई मानदेय नहीं मिलेगा. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को बताया कि अभियान 26 अक्टूबर से शुरू होगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल 'ऑड-ईवन' नंबर के आधार पर कारें चलाने की योजना पर विचार नहीं किया जा रहा है.
वायु प्रदूषण को कम करना
रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान पहली बार 16 अक्टूबर, 2020 को शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य ट्रैफिक सिग्नल पर हरी बत्ती का इंतजार करते समय ड्राइवरों को अपने वाहन के इंजन बंद करने के लिए प्रोत्साहित करके वाहन वायु प्रदूषण को कम करना था. सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा 2019 में किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया कि ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन रुकते समय इंजन चालू रखने से प्रदूषण का स्तर नौ प्रतिशत से अधिक बढ़ जाता है.
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