आज हम आपको एक ऐसी तस्वीर के पीछे की सच्चाई बताने जा रहे हैं जिसको लेकर लोगों के मन में अलग-अलग धारणाएं बनती गई।
तस्वीरों का हमारी जिंदगी से कही न कही गहरा कनेक्शन होता है। कुछ तस्वीरों को देखकर हमारा मन खुश हो जाता है तो कुछ तस्वीरों में एक खास संदेश मौजूद होता है। ऐसी ही एक तस्वीर हम सभी ने एक न एक बार तो जरूर देखी होगी लेकिन उसके पीछे का मकसद और कहानी क्या है हमें से किसी को भी नहीं पता है। दरअसल यहां हम बात कर रहे हैं। ऊपर दी गई तस्वीर की जिसमें एक महिला एक आदमी को ब्रेस्टफीड करते हुए नजर आ रहे हैं।
इस तस्वीर को देखकर हमारे मन में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों चीजे आती हुई नजर आएगी। लेकिन जिस तस्वीर की हम बात कर रहे हैं वो 30 मिलियन यूरो में बेची गई थी। इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना मौजूद है। दरअसल फ्रांस में लुई XIV के शासनकाल के दौरान रोटी की चोरी करने के लिए एक गरीब व्यक्ति को "भुखमरी से मौत" की सजा सुनाई गई थी। वो महिला उनकी इकलौती बेटी थी, जिसे उनके जेल में जाकर उनसे मिलने की इजाजत थी।
उसे रोजाना जाने वहां जाने की इजाजत थी, लेकिन उसे अच्छी तरह से नहलाया जाता था, ताकि कोई खाना अंदर न जा पाए। जब 4 महीने बाद भी वह आदमी बिना किसी वजन घटाने के साथ जीवित रहा, तो अधिकारी हैरान रह गए और सेल में उसकी जासूसी करना शुरू कर दिया और तब ये बात सामने आई कि वो महिला अपने बच्चे के पीलाने वाला दूध अपने पिता को पिला रही थी ताकि वो जीवत रह सकें। इसके बाद उस महिला के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था, लेकिन उसकी निस्वार्थता प्रकृति जेलर का दिल जीत लेती है और वह अपने पिता को आजादी दिलाने में सफल रहती है।
यह तस्वीर यूरोपीय चित्रकार “हंस सेबाल्ड बेहम” ने बनाया था। यह पेंटिंग रोमन चैरिटी के पास उपलब्ध है। यह पेंटिंग अपने पिता के प्रति बेटी के रिश्ते और देखभाल की प्रकृति को दिखाने के लिए बनाई गई है। यह बेटी (पेरो) और पिता (सिमन) की कहानी है। एक महिला प्यार और बलिदान से भरी होती है, चाहे वह किसी की भी भूमिका निभा रही हो लेकिन वो कभी-कभी माँ, बहन, पत्नी आदि भी बन सकती है।
अब हम आपको बताते हैं राजा लुई XIV की कहानी, जिसके शासनकाल में ये तमाम चीजें हुई है।
- चार साल की उम्र में लुई XIV सिंहासन पर चढ़ था।
- लुई XIV ने अपनी पहली चेचरी बहन से ही शादी कर ली थी।
- वर्साय के असाधारण महल का निर्मण लुई XIV ने किया था।
- वो खुद को भगवान का प्रत्यक्ष प्रतिनिधि मना करता था।
- उसने ही फ्रेंच प्रोटेस्टेंट से पूजा करने के अधिकार को रद्द करने का काम किया था।
- राजा के सम्मान में एक राज्य का नाम रखा गया।