बस्तर में सीआरपीएफ अपना 84वां स्थापना दिवस मना रहा है. कार्यक्रम करणपुर कैंप स्थित कोबरा की 201/204 बटालियन के परेड ग्राउंड में हुआ.
बस्तर में सीआरपीएफ अपना 84वां स्थापना दिवस मना रहा है. कार्यक्रम करणपुर कैंप स्थित कोबरा की 201/204 बटालियन के परेड ग्राउंड में हुआ. अलग-अलग सेक्टर के जवानों ने परेड की. इस दौरान गृह मंत्री ने परेड की सलामी ली. जवानों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अब अंतिम चरण में है.
कार्यक्रम की शुरुआत
अमित शाह ने CRPF को 84वें स्थापना दिवस पर बधाई दी. कार्यक्रम की शुरुआत 2249 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देकर की. अमित शाह ने कहा कि मैं बस्तर में खड़ा होकर आप लोगों के बीच बोल रहा हूं. आज नक्सलियों का सफाया हो रहा है. यह सीआरपीएफ की वजह से है.
सीआरपीएफ देश के कोने-कोने में मौजूद
अमित शाह ने कहा, सीआरपीएफ का जन्म लौह पुरुष सरदार पटेल ने किया था. एक बटालियन से शुरू हुआ सीआरपीएफ आज देश के कोने-कोने में मौजूद है. अगर कहीं से कोई अप्रिय घटना की खबर आती है और पता चलता है कि सीआरपीएफ की टीम वहां पहुंच जाती है, तो मेरी चिंता खत्म हो जाती है, क्योंकि मुझे पता है कि सीआरपीएफ कहां है, सब ठीक हो जाएगा.
इलाकों में शांति स्थापना और विकास
अमित शाह ने कहा, सीआरपीएफ के जवानों ने जम्मू-कश्मीर से लेकर सुदूर आदिवासी इलाकों तक शांति स्थापना और विकास कार्यों में अहम योगदान दिया है. देश में वामपंथी उग्रवाद की हिंसा की घटनाओं में 2010 की तुलना में 76 फीसदी की कमी आई है. इसका नतीजा यह हुआ कि मौतों में 78 फीसदी की कमी आई है.
उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जारी
अमित शाह ने कहा, उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जारी है. सीआरपीएफ का इतिहास में अहम योगदान है. भारत सरकार ने उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. जवानों ने वामपंथियों से लोहा लिया है. जवानों ने 18 हजार से अधिक आदिवासी भाइयों को दवा से लेकर सभी सुविधाएं मुहैया कराई हैं.