इस वक्त कोरोना की भयानक लहर ने सभी राज्यों की स्थिति कैसे कर दी है, एक-एक करके जानिए सारी स्थिति के बारे में यहां.
देशभर में इस वक्त कोरोना टीकारण के बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की तरफ से एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में इस वक्त वैक्सीन पर्याप्त नहीं है, लोगों को वैक्सीन की कमी के होने के चलते वापस भेजा जा रहा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार से ये मांग है कि 20 से 40 साल की उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाने की परमिशन दी जाए.अपनी बात रखते हुए राजेश टोपे ने कहा, "अभी हमारे पास 14 लाख वैक्सीन डोज हैं जो तीन दिन में खत्म हो जाएंगे. हमने प्रति सप्ताह 40 लाख वैक्सीन की मांग की है. हम यह नहीं कह रहे कि केंद्र हमें वैक्सीन नहीं दे रहा लेकिन वैक्सीन की डिलीवरी बहुत स्लो है.''
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इतना ही नहीं राज्य की कैसी इस महामारी को लेकर तैयारियां चल रही है उस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा , ''हम पुणे, मुंबई, नासिक और राज्य के दूसरे हिस्सों में बेड बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. रोजोना 12 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता है और सात टन की खपत हो रही है. हमने मांग की है कि में पास के राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की जाए. अगर जरूरत पड़ी तो हम उन उद्योगों को बंद कर देंगे जो ऑक्सीजन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन स्वास्थ्य के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित नहीं होने देंगे.''
वही, स्वास्थ्य राजेश टोपे ने कहा, ''महाराष्ट्र में वैक्सीन बर्बाद होने की दर तीन प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से आधी है, राष्ट्रीय औसत छह प्रतिशत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिवर की प्रति डोज कीमत 1100 से 1400 के बीच है. हमें बड़ी मात्रा में रेमडेसिवर दवा भी चाहिए, राज्य में कोरोना इस दवा की 50 हजार डोज की खपत है.
आंध्र प्रदेश में भी स्थिति है गंभीर
इसके अलावा आंध्र प्रदेश ने भी वैक्सीन को लेकर मांग रखी है. आंध्र प्रदेश ने केंद्र सरकार से तुरंत ही एक करोड़ डोज की पूर्ति करने की मांग की है. राज्य सरकार का इस पर कहना है कि उनके पास सिर्फ 3.7 लाख ही डोज हैं. हम रोज 1.3 डोज लगा रहे हैं. यदि ज्यादा वैक्सीन होती है तो हम ज्यादा भी लगा सकते हैं.
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पंजाब में कोरोना को लेकर हुई सख्ती
कोरोना के चलते पंजाब में भी रात को 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. इन सबसे पहले 12 जिलों में 10 अप्रैल तक के लिए नाइट कर्फ्यू लगा किया गया था. सरकार ने ये फैसला बढ़ते मामलों को देखकर लिया है. इसके अलावा स्कूल और कॉलेज के साथ-साथ सभी शैक्षिक संस्थानों को 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है. इन सभी बड़ी चीजों का फैसला सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए लिया है. इतना ही नहीं प्रदेश में राजनीतिक रैलियों तक पर रोक लगा दी गई है. नियमों का जो लोग उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाएगा. इसके अलावा सरकारी ऑफिसों में मास्क लगाना जरूरी होगा.