टूटा रिकॉर्ड: देश में कोरोना के आकंड़े पहुंचे इतने लाख, मरने वालों की संख्या 24 घंटे में 3982

कोरोना (Coronavirus) का कहर किस कदर बढ़ रहा है इस बात का अंदाज इस चीज से लगाया जा सकता है कि पिछले 24 घंटे में इसने भयानक रूप धारण कर लिया है.

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भारत में कोरोना (Coronavirus) का कहर लगातार जारी है. आकंडे़ कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. इस बार पिछले 24 घंटे में कोरोना मामलों ने अबतक के सार रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बुधवार को देश में कोरोना के 412,618 नए केस दर्ज हुए है. ऐसा दूसरी बार देखने को मिला है जब कोरोना केस (Coronavirus Case) 4 लाख से ज्यादा हुए है. इससे पहले 30 अप्रैल के दिन 4,02,351 केस सामने आए थे. साथ ही इसके चलते होने वाली मौत का भी नया आकंड़ा बना है. पिछले 24 घंटे में 3, 980 लोगों की जान गई है. पहली बार इतने मरीजों की मौत की जानकारी सामने आई है.


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वही, स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) की माने तो 12 राज्यों में एक लाख से अधिक, 7 राज्यों में 50 हजार से एक लाख और 17 राज्यों में 50 हजार से कम एक्टिव केस हैं.  सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट देखने को मिली है. वही, इन सबके बीच एक बेहद ही भयानक और डरा देने वाली खबर सामने आई है. दरअसल एक्सपर्ट अब तीसरी लहर आने का अंदेशा लगाते हुए नजर आए है. वो कब तक आएगी इस बात की जानकारी फिलहाल पूरी तरह से सामने नहीं आई है.

इसी के बारे में बात करते हुए केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर विजय राघवन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा "तीसरी लहर भी आएगी. लेकिन कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. कोरोना वायरस के वैरिएंट लगातार बदल रहे हैं, इसलिए हमें तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना होगा." उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन प्रभावी है, लेकिन वैज्ञानिक इसको अपग्रेड करने पर भी काम कर रहे हैं. 


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तीसरी लहर कब तक आने वाली है इसका जवाब देते हुए बेंगलुरु में मौजूद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर बाबू ने कहा इसके ठंड में आने की आशंका है. नवंबर के आखिरी में या दिसंबर की शुरुआत में. इसलिए इस संक्रमण से जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन (Vaccine) करने की जरूरत है." डॉ. गिरिधर कर्नाटक में नेशनल कोविड टास्क फोर्स के मेंबर और एडवाइजर भी हैं. वो कहते हैं कि अगली लहर युवा आबादी को प्रभावित करने का काम कर सकती है. 

इन सबके अलावा वो ये भी कहते हुए दिखे कि तीसरी लहर तीन फैक्टर पर निर्भर करती है. पहला तो ये कि दिसंबर तक हम कितने लोगों को वैक्सीनेट करते हैं. दूसरा हम सुपर स्प्रेडर इवेंट को कितना रोक पाते हैं और तीसरा ये कि हम कितनी जल्दी वायरस के नए वैरिएंट्स की पहचान कर पाते हैं और उसे रोक पाते हैं.

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