सोनीपत कुंडली बॉर्डर (Kundli Border) पर जारी किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) में कोरोना (Corona) ने दस्तक दे दी है. सिंघू बॉर्डर पर दो और किसानों की मौत हो गई है.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है. इस बीच सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में कोरोना ने दस्तक दे दी है. सिंघू बॉर्डर पर दो और किसानों की मौत हो गई है. पहला मृतक किसान बलबीर पटियाला निवासी और दूसरा किसान महेंद्र लुधियाना का रहने वाला था. पटियाला के रहने वाले मृतक किसान बलबीर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जानबूझकर कोरोना को किसानों की मौत की वजह बता रही है.
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किसान नेताओं का कहना है कि सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. उधर, सोनीपत सिविल अस्पताल की पोस्टमॉर्टम अधिकारी डॉ गिन्नी तल्ला ने बताया कि पुलिस के अनुरोध पर दोनों मृतक किसानों का कोरोना टेस्ट कराया गया. बलबीर नाम के किसान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. सोनीपत पुलिस मामले की जांच कर रही है.
बताया जा रहा है कि मृतक बलबीर सिंह पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित था. इसमें कोरोना के लक्षण नजर आ रहे थे. आंदोलन में कई किसान ऐसे हैं जिन्हें लंबे समय से बुखार है, लेकिन उनकी कोरोना की जांच नहीं हो रही है. आंदोलन पर स्थित अस्पताल में रोजाना दर्जन भर आंदोलनकारी भी बुखार से पीड़ित हो रहे हैं.
कई महीनों से चल रहा है आंदोलन
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा दिल्ली-हरियाणा की सीमाओं पर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है. कोरोना के चलते आंदोलन खत्म करने की अपील भी की गई है, लेकिन प्रदर्शनकारी धरने पर खड़े हैं. वहीं किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले, जबकि केंद्र का कहना है कि कानून में कोई खामी है तो उसे दूर किया जाएगा, लेकिन इसे वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता.