आंध्र प्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद तैयार किया गया था जिसमें जानवरों की चर्बी मिलाने का विवाद सामने आया।
आंध्र प्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद तैयार किया गया था जिसमें जानवरों की चर्बी मिलाने का विवाद सामने आया। इस तरह से देशभर के मंदिरों में प्रसाद की जांच की जा रही है। लखनऊ का प्रसिद्ध मंदिर मनकामेश्वर मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगाई गई है। मंदिर प्रशासन से भी यह आग्रह किया गया है कि केवल सूखे मेवे का ही भोग लगाया जाए।
मंदिरों में हो रही है प्रसाद की जांच
तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के भोग में मिलावट की खबर के बाद से ही खाद्य सुरक्षा टीम जांच में लगी हुई है। टीम ने भोग लगाने वाली रसोई और शुद्धता की जांच की है खासकर घी और पानी को अच्छी तरह से चेक किया है। निरीक्षण के बाद इस मंदिर के भोग के प्रसाद को शुद्ध बताया गया। तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई इस घटना के बाद से मथुरा में भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जांच कर रही है।
लैब में भेजे गए सैंपल
खाद्य सुरक्षा टीम प्रसाद में मिलावट के मामले के बाद सचेत हो गई है। टीम ने मथुरा के बांके बिहारी मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि और गोवर्धन मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकानों के सैंपल लिए हैं और जांच के लिए लैब भेज दिया है। टीम ने यह भी बताया है की लैब की रिपोर्ट आने के बाद मामला साफ हो जाएगा।
गड़बड़ी आने पर होगी कार्रवाई
मथुरा के मंदिरों में प्रसाद की बड़े पैमाने पर जांच की जा रही है। हर क्षेत्र में अलग-अलग टीम जाकर नमूने लेकर अपनी कार्रवाई कर रही है। जिस जगह पर भी प्रसाद की खुले रूप से बिक्री पाई जाएगी टीम अपनी कार्रवाई शुरू कर देगी। मथुरा में 13 स्थान से प्रसाद के सैंपल लिए गए हैं और इन्हें लैब में रिपोर्ट के लिए भेजा गया है।