यूपीए सरकार के दौरान 1994 में साजिश के जासूसी मामले में फंसे अंतरिक्ष वैज्ञानिक नांबी नारायणन की बायोपिक की हर तरफ खुलेआम तारीफ हो रही है. जो लोग फिल्म देखकर बाहर आ रहे हैं, वे इस फिल्म की न सिर्फ अपने दोस्तों के बीच बल्कि सोशल मीडिया पर भी जमकर तारीफ कर रहे हैं. लेकिन फिल्म देखने वालों को समझ नहीं आ रहा है कि इस फिल्म के पोस्टर सिनेमाघरों में क्यों नहीं लगाए गए हैं.
नांबी नारायणन की बायोपिक
अंतरिक्ष वैज्ञानिक नांबी नारायणन की बायोपिक 'रॉकेटरी द नांबी इफेक्ट' दिल्ली यूपी डिस्ट्रीब्यूशन एरिया में सिर्फ 200 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है. दिल्ली के निर्माण विहार स्थित सिनेपोलिस थिएटर में फिल्म देखने पहुंचे दर्शक इस बात से हैरान रह गए कि सिनेमा हॉल में फिल्म के पोस्टर नहीं लगे हैं. जब वहां मौजूद स्टाफ से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने फिल्म के पोस्टर लगा दिए हैं जो आने वाली है. मतलब कि सिनेमा हॉल में काम करने वाले कर्मचारियों को भी नहीं पता कि उनकी जगह फिल्म 'रॉकेटरी द नांबी इफेक्ट' रिलीज हो गई है. इस सिनेमाघर में जहां आने वाली फिल्मों के पोस्टर लगे होते हैं, वहीं एक हफ्ते पहले तक 'रॉकेटरी द नांबी इफेक्ट' के पोस्टर नहीं लगे थे.
'रॉकेटरी द नांबी इफेक्ट' का हिंदी वर्जन रिलीज
हैरानी की बात यह है कि फिल्म 'रॉकेटरी द नांबी इफेक्ट' का हिंदी वर्जन रिलीज करने वाली कंपनी यूएफओ मूवीज को इसकी जानकारी भी नहीं है. इस बारे में जब कंपनी के दिल्ली प्रतिनिधि आशीष से बात की गई तो उनका सीधा सा रिएक्शन था कि ऐसा नहीं होना चाहिए. जब उन्हें बताया गया कि उनके कार्यालय से कुछ किलोमीटर दूर निर्माण विहार के सिनेपोलिस सिनेमा हॉल में फिल्म के पोस्टर नहीं लगाए गए हैं, तो वह थोड़ा सावधान हो गए बोले ऐसा है तो मैं दिखवाता हूं. उनके उत्तर से ये समझ आता है कि फिल्म वितरक कंपनी के प्रतिनिधियों ने फिल्म दिखा रहे सिनेमाघरों का दौरा ही नहीं किया है.