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दूरसंचार विभाग (DoT) विभाग ने SIM ग्राहकों के लिए इंडियन कॉन्ट्रैक्ट लॉ 1872 के तहत नया नियम लागू किया है. इस नियम में ये है कि जो भी ग्राहक नई सिम लेना चाहते है उनके लिए E- KYC और Self KYC प्रक्रिया शुरू की गई है. इस नियम के तहत कोई भी ग्राहक घर बैठे नए मोबाइल कनेक्शन ले सकता है. साथ ही प्री-पेड से पोस्डपेड और पोस्टपेड से प्री-पेड करने के लिए सिम बदलना नहीं होगा और इस नियम के लिए दूरदर्शन विभाग ने सिर्फ 1 रुपये चार्ज फिक्स किया है.
नए नियमों के अनुसार किसी भी ग्राहक को सिम लेते समय एक फॉर्म भरना होता है, उस फॉर्म का नाम है कस्टमर एक्यूजिशन फॉर्म (CAF). इस फॉर्म में कुछ टर्म्स एंड कंडीशन लिखे होते है. इस फॉर्म के द्वारा ग्राहक और टेलीकॉम कंपनियों के बीच में डील होती है. इस कॉन्ट्रैक्ट में यह डील होता है कि कोई भी व्यक्ति जो सिम ले रहा है वो 18 वर्ष से कम का ना हो, क्योंकि इंडियन कॉन्ट्रैक्ट लॉ 1872 के तहत कोई भी 18 वर्ष से काम उम्र वालों को सिम लेने कि इजाजत नहीं है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह नियम इसलिए KYC की तरफ से बनाया गया है क्योंकि इससे फ़र्ज़ी सिम लेने वालों पर रोक लगाई जा सके और जो मानसिक रूप से बीमार है उन्हें भी सिम-कार्ड प्राप्त करने पर प्रतिबन्ध लग सके, लेकिन अगर ऐसा होता है तब टेलीकॉम कंपनी वालों को ही दोषी करार दिया जाएगा.
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