कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज का केंद्र ने बदला नियम, 9 माह से घटाकर छह माह का गैप

कोविड के बूस्टर डोज के बीच का अंतर कम किया गया है. अब इसे 9 महीने के बजाय 6 महीने कर दिया गया है. यानी दो बूस्टर डोज के बीच अब 6 महीने या 26 हफ्ते का फासला है.

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देश में फिर से कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी है. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक के बीच के अंतर को 9 महीने से घटाकर छह महीने कर दिया है. इससे पहले कोरोना वैक्सीन की एहतियाती खुराक 9 महीने या 39 हफ्ते के अंतराल के बाद दी जाती थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर मिले सबूतों के मुताबिक नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की स्टैंडिंग टेक्निकल सब कमेटी ने पहले की सलाह में संशोधन किया है.

कोरोना की ऐहतियाती डोज

नई एडवाइजरी के मुताबिक एसटीएससी ने बूस्टर डोज या कोरोना की ऐहतियाती डोज के बीच के गैप को 6 महीने या 26 हफ्ते का माना है. इस पर एनटीएजीआई ने अपनी सिफारिश दी है. इसलिए निर्णय लिया गया कि 18 से 59 वर्ष के बीच के व्यक्तियों को 6 महीने या 26 सप्ताह के अंतराल के बाद कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए. यानी अगर किसी को आज वैक्सीन की बूस्टर डोज मिल गई है तो आज से 6 महीने पूरे होने वाले दिन उसे बूस्टर डोज की दूसरी डोज मिल सकती है.

बूस्टर डोज मुफ्त

इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज मुफ्त मिलेगी. उनके लिए भी दो बूस्टर डोज के बीच सिर्फ छह महीने का अंतर होगा. हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी बूस्टर डोज फ्री में मिलेगी. इस वैक्सीन से जुड़ी जानकारी कोविन एप पर अपलोड कर दी गई है. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा.



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