MI-17V-5 से सफर कर रहे थे CDS बिपिन रावत, जानिए क्या हैं इसकी खासियत

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया. जिसमें भारतीय वायुसेना का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है.

  • 834
  • 0

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया. जिसमें भारतीय वायुसेना का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है. इसमें सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे. वहीं भारतीय वायुसेना का यह हेलीकॉप्टर दिल्ली से सुलूर जा रहा था. वहीं इस हादसे में 8 लोगों के मरे जाने की खबर सामने आ रही हैं. 

ये भी पढ़े:सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, CDS बिपिन रावत थे विमान में मौजूद

जानिए Mi-17V5 के बारे में

Mi-17 V5 एक मध्यम लिफ्ट हेलीकॉप्टर है जिसे कर्मियों और आर्म ट्रांसपोर्ट, फेजर सपोर्ट और सर्च एंड रेस्क्यू मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है. आपको बता दें कि एमआई-17 वी5 दुर्घटनाग्रस्त विमान को भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर हेलीकॉप्टर माना जा रहा है. इसमें दो इंजन लगे हैं और देश की बड़ी हस्तियां इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करती रही हैं, यहां तक ​​कि प्रधानमंत्रियों ने भी इसका इस्तेमाल किया है. हेलीकॉप्टर Mi-17 V5 आधुनिक तकनीकों से लैस है. यह हेलीकॉप्टर वायुसेना के कई अहम ऑपरेशनों का हिस्सा भी रह चुका है. भारतीय वायु सेना का Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर एक सैन्य परिवहन है. आपको बता दें कि इन विमानों के निर्माण की जिम्मेदारी रूस के पास है और यह दुनिया के सबसे आधुनिक हेलीकॉप्टरों में आता है. यह सैनिकों और हथियारों के परिवहन में भी तैनात है. साथ ही सर्च ऑपरेशन हो या राहत कार्य, उन सभी ऑपरेशनों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

ये भी पढ़े:Omicron: बच्चों में इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, वरना बढ़ेगा संक्रमण का खतरा

इस हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 250 किमी/घंटा है और यह 6000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है. एक बार ईंधन भरने के बाद यह 580 किलोमीटर की दूरी तय करती है. की यात्रा कर सकते हैं. वहीं यह हेलीकॉप्टर अधिकतम 13,000 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है. यह लगभग 36 सशस्त्र सैनिकों को ले जा सकता है.MI-17V5 कई तरह के हथियारों से लैस है. इसमें शतरम-5 मिसाइल, एस-8 रॉकेट, 23 मिमी मशीन गन, पीकेटी मशीन गन के साथ 8 फायरिंग पोस्ट भी हैं. वे लक्ष्य प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. इस हेलीकॉप्टर में भी ऐसी तकनीक है, जिससे यह रात में भी आसानी से संचालित हो सकती है. इसका इस्तेमाल मुंबई 26/11 हमले के दौरान कमांडो ऑपरेशन में भी किया गया था. साथ ही इसने पाकिस्तानी लॉन्च पैड्स को नष्ट करने और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े ऑपरेशनों में भी योगदान दिया.

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT