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मध्य प्रदेश को उमरिया जिले में नगर निकाय चुनाव में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. दरअसल यहां पार्षद पद का चुनाव लड़ने जा रही एक महिला का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया है. चुनाव आयोग के इस फैसले के सामने आते ही आम आदमी पार्टी विरोध में उतर आई. यह उमरिया जिला का पहला मामला है जब घर में शौचालय नहीं होने पर किसी प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया है.
आम आदमी पार्टी ने आशा प्रजापति को उमरिया जिले से अपना उम्मीदवार बनाया था. उन्हें पार्षद पद का टिकट दिया गया था. प्रत्याशी ने बड़े शौक से अपना नामांकन का पर्चा भी भरा, लेकिन उनकी सारी खुशीयों पर पानी फिर गयी. अब पर्चा रद्द होने के बाद आम आदमी पार्टी खासा गुस्से में है और विरोध कर रही है.
दूसरे प्रत्याशीयों ने जताई आपत्ति
आशा प्रजापति पाली नगर पालिका में वार्ड नंबर दो से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार थीं. उनके नामांकन दाखिल करने के बाद दूसरे पार्टी के प्रत्याशी ने आपत्ति जताना शुरु कर दिया. उन लोगों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा, कि शपथ पत्र में शौचालय को लेकर झूठी जानकारी भरी गई है. इस शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने सुनवाई की. आपत्ति को सही पाए जाने पर नामांकन रद्द कर दिया गया. इस फैसले से नाराज आम आदमी पार्टी ने जिले के कलेक्टर से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की हैं.
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AAP के लोगों ने बताई साजिश
इस फैसले से आम आदमी पार्टी नाराज है और इसे विरोधियों की साजिश बता रही है. उसने निर्वाचन जैसे निष्पक्ष कार्य में भेदभाव का आरोप लगाया है. कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने कहा, नामांकन में जांच के दौरान शौचालय संबंधित जानकारी गलत पाए जाने पर रिटर्निंग ऑफिसर ने ये फैसला लिया है.
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